नई दिल्ली। गुरुवार को सरकार ने संसद में छमाही आर्थिक समीक्षा पेश की। वित्त वर्ष 2019 के लिए 23.4 लाख करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान किया गया है जबकि वित्त वर्ष 2020 के लिए 22.06 लाख करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है। सर्वे में 2000 करोड़ रुपये की लागत से 10 नमामि गंगे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है। साथ ही वित्त वर्ष 2019 के लिए 1.99 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। वित्त वर्ष 2019 के लिए फूड सब्सिडी पर 1.75 लाख करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2020 के लिए फूड सब्सिडी पर 2 लाख करोड़ रुपए की संभावना जताई गई है।
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छमाही आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2019 के लिए पेट्रोलियम सब्सिडी पर 18,000 करोड़ रुपए के खर्च की संभावना जताई गई है जबकि अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020 में पेट्रोलियम सब्सिडी पर 10000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वित्त वर्ष 2019 के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी पर 70,000 करोड़ रुपए के खर्च का आकलन किया गया है जबकि वित्त वर्ष 2020 में फर्टिलाइजर सब्सिडी पर 20,000 करोड़ रुपए के खर्च की संभावना जताई गई है।
छमाही आर्थिक समीक्षा के अनुसार, वित्त वर्ष 2019 में टैक्स से होने वाली आय 15 फीसदी बढ़ने का अनुमान है जबकि संभावना जताई गई है कि 2020 में टैक्स से आय 14.5 फीसदी बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2019 में 1.44 लाख करोड़ रुपए जबकि वित्त वर्ष 2020 में 1.56 लाख करोड़ रुपए के पेंशन भुगतान की संभावना जताई गई है।
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GDP में कैपेक्स का योगदान 1.8 फीसदी रहने का अनुमान है। मध्यम अवधि में वित्त वर्ष 2019 GDP ग्रोथ 12.3 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2019 में वित्तीय घाटा 3 फीसदी रहने का अनुमान है।