वाशिंगटन। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने कहा कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी भारत में महामारी के राहत प्रयासों में मदद के लिए अपने संसाधनों का इस्तेमाल करने को लेकर प्रतिबद्ध है और देश की तत्काल जरूरतों पर ध्यान देने के लिए उन्हें एक लामबंद कर रही है। भारत में जन्मे 53 वर्षीय नडेला ने बुधवार को कहा, "हम भारत में महामारी के राहत प्रयासों में मदद के लिए अपने संसाधनों का इस्तेमाल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और देश की तत्काल जरूरतों पर ध्यान देने के लिए बेहद जरूरी चिकित्सीय आपूर्तियां प्रदान करने की खातिर अमेरिकी चेंबर (ऑफ कॉमर्स) के साथ पूरे व्यापार समुदाय के भीतर साझेदारी कर रहे हैं।"
माइक्रोसॉफ्ट फिलेनथ्रोपीज की उपाध्यक्ष और प्रमुख केट बेहन्केन ने कहा, "हम महामारी से प्रभावित हुए लाखों लोगों और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। माइक्रोसॉफ्ट भारत में करीब तीन दशकों के काम कर रहा है और देश में हमारी टीमें उस कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं जो भारत की सीमाओं के बाहर भी जड़े जमाए हुए है।''
कोरोना की तीसरी लहर तो आनी ही है!
कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। इसे कोई नहीं रोक सकता है। हालांकि, यह कब आएगी और यह कैसे इफेक्ट करेगी, अभी कहना मुश्किल है लेकिन, इसके लिए तैयार रहना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में अधिकारियों ने कहा कि देश इस तीव्रता की जिस लंबी कोविड लहर का का सामना कर रहा है, उसका पूर्वानुमान नहीं जताया गया था। सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों में एक लाख से अधिक कोरोना वायरस के मरीज उपचाराधीन हैं। सरकार ने कहा कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार उन राज्यों में शामिल हैं जहां दैनिक मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति दिख रही है।
सरकार ने यह भी कहा कि 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक है। उसने कहा कि एक मई से, नौ राज्यों में 18-44 आयु समूह के 6.71 लाख लोगों को कोविड रोधी टीका लगाया गया है। केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी। उन्होंने कहा, “हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए।”