नई दिल्ली। हैंडसेट बनाने वाली माइक्रोमैक्स घरेलू उत्पादन बढ़ाने तथा चीन से आयात पर निर्भरता कम करने के लिये तीन नये कारखाने लगाएगी और इसमें अगले कुछ महीनों में 300 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करेगी। नए कारखाने राजस्थान, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में लगाये जाएंगे और अगले साल परिचालन में आ जाएंगे।
40 लाख मोबाइल फोन बनाएगी माइक्रोमैक्स
माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राजेश अग्रवाल ने कहा, हमें तेलंगाना में 20 एकड़ जमीन आबंटित किया गया है और ढांचा लगभग तैयार है। इसी प्रकार, राजस्थान में हमें 25 एकड़ जमीन मिली है और अगले कुछ दिनों में निर्माण कार्य शुरू होगा। तिरूपति में भी जल्दी ही काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि सभी इकाइयों के परिचालन में आने के साथ कंपनी की क्षमता करीब 40 लाख इकाई होगी।
3,000 से 3,500 लोगों को मिलेगी नौकरी
अग्रवाल ने कहा, हम हर कारखाने में 3,000 से 3,500 लोगों को रोजगार देंगे। यानी तीनों कारखाने को मिल दें तो करीब 10,500 लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है। यह कदम मेक इन इंडिया से कहीं आगे है, यह भारत को इलेक्ट्रानिक विनिर्माण का केंद्र बनाने को लेकर है। दरअसल भारी मांग को देखते हुए अगले कुछ साल में हमारा इलेक्ट्रानिक्स (आयात) बिल कच्चे तेल के आयात बिल से पार कर जाएगा। अग्रवाल ने कहा कि हम नई परियोजनाओं में करीब 100 करोड़ रुपए निवेश करेंगे। फिलहाल कंपनी की एसेंबली इकाई उत्तराखंड के रूद्रपुर में हैं जहां 10 लाख इकाई की उत्पादन क्षमता है। यह कंपनी के उत्पादों की कुल मांग का करीब 30 से 35 फीसदी है और शेष चीन से आयात किया जाता है।