नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड उद्योग ने शेयर बाजारों में अस्थिरता रहने के बावजूद सितंबर माह में शेयर बाजार में 11,600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया,
जबकि विदेशी निवेशकों ने इस दौरान बाजार से 10,825 करोड़ रुपए की पूंजी की निकासी की। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली ने म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए अवसर प्रदान किया है।
बाजार नियामक सेबी और जमाकर्ताओं के पास उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड कंपनियों ने पिछले महीने 11,638 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीद की। दूसरी ओर, एफपीआई ने शेयर बाजार से 10,825 करोड़ रुपए की निकासी की। फंड प्रबंधकों द्वारा घरेलू शेयरों में निवेश के लिए व्यापक तौर पर खुदरा निवेशकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) के माध्यम से निवेश करते रहते हैं।
म्यूचुअल फंड एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एम्फी) के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा कि बाजार में अस्थिरता और हाल की मौद्रिक नीति के बावजूद, खुदरा निवेशकों की ओर से बाजार के शेयर खंड में निवेश प्रवाह काफी सकारात्मक रहा है। रुपए में तेज गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से पिछले महीने 30 शेयरों पर आधारित बंबई शेयर सूचकांक 6.2 प्रतिशत गिर गया, जिससे एफपीआई शुद्ध बिकवाल बन गए।