नई दिल्ली। सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) का कुल लोन पोर्टफोलियो (जीएलपी) सितंबर तिमाही में मामूली 1.1 प्रतिशत घटकर 2,25,331 करोड़ रुपये रह गया। सा-धन की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में एमएफआई का ऋण पोर्टफोलियो 2,27,843 करोड़ रुपये रहा था। सूक्ष्म वित्त क्षेत्र के लिए स्व-नियामक संगठन सा-धन के सदस्यों की संख्या 229 सदस्य है। इनमें स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने वाले संस्थान, एमएफआई, बैंक, रेटिंग एजेंसियां और क्षमता निर्माण संस्थान शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान सभी ऋणदाताओं का कुल कर्ज वितरण बढ़कर 66,694 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के दौरान 34,135 करोड़ रुपये रहा था। सा-धन के कार्यकारी निदेशक पी सतीश ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह क्षेत्र कोविड महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। लेकिन अब इस क्षेत्र में ऋण की अदायगी तथा वितरण दोनों में सुधार देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सेक्टर की गिरावट पर लगाम लग रही है, हालांकि फंड जुटाने और मध्यम और छोटे एमएफआई के संचालन पर दबाव बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगली तिमाही में धीरे-धीरे रिकवरी देखने को मिलेगी क्योंकि कर्जदारों की आय और स्थिर होगी। रिपोर्ट के मुताबिक 30 सितंबर तक 30 दिन से ज्यादा दिनों तक बकाया रहे पोर्टफोलियो 10.8 प्रतिशत पर और 90 दिन से ज्यादा बकाया रहे पोर्टफोलियो 2.96 प्रतिशत पर थे।