नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधित परिसंपत्तियां (Assets under management) 30 जून को समाप्त तिमाही में आठ प्रतिशत घटकर 25 लाख करोड़ रुपये रह गईं। मुख्य रूप से इक्विटी और कर्ज श्रेणियों से निकासी की वजह से AUM में कमी आई है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार 45 कंपनियों वाले उद्योग का औसत एयूएम (एएयूएम) अप्रैल-जून की तिमाही में आठ प्रतिशत घटकर 24.82 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो इससे पिछली तिमाही में 27 लाख करोड़ रुपये था। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में एयूएम 25.5 लाख करोड़ रुपये था।
सैमको सिक्योरिटीज के रैंक एमएफ प्रमुख ओंकेश्वर सिंह ने कहा कि तिमाही दर तिमाही आधार पर उद्योग के एयूएम में आठ प्रतिशत की गिरावट आई। इसकी प्रमुख वजह यह रही है कि म्यूचुअल फंड योजनाओं की ज्यादातर संपत्तियों और श्रेणियों में शुद्ध निवेश का प्रवाह घट गया। उन्होंने कहा कि जून तिमाही में निफ्टी 24 प्रतिशत चढ़ गया, लेकिन इसके बावजूद ऋण और इक्विटी खंड में निकासी दबाव की वजह से म्यूचुअल फंड कंपनियों के एयूएम में कमी आई। फ्रैंकलिन टेंपलेटन मुद्दे से भी कर्ज योजनाओं से निकासी बढ़ी।
प्राइमइन्वेस्टर.इन की सह-संस्थापक विद्या बाला ने कहा कि निवेश घटने के अलावा आर्थिक मोर्चे पर अनिश्चितता, नौकरियों पर संकट तथा वेतन कटौती की वजह से भी म्यूचअल फंड उद्योग की परिसंपत्तियों में कमी आई। शीर्ष पांचों म्यूचुअल फंड कंपनियों एसबीआई एमएफ, एचडीएफसी एमएफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, आदित्य बिड़ला सनलाइफ एमएफ और निप्पन इंडिया एमएफ सभी के औसत एयूएम देखने को मिली है।
एसेट अंडर मैनेजमेंट किसी कंपनी द्वारा उसके ग्राहकों की तरफ से मैनेज की जा रही सभी निवेश का कुल मार्केट वैल्यू होती है।