नई दिल्ली। बड़े डीजल वाहनों पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध से निपटने के लिए जर्मनी की लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज ने भारत में अपनी डीजल कार और अन्य वाहनों को पर्यावरण अनुकूल बायो-डीजल में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि मर्सिडीज बेंज ने उन्हें एक पत्र दिया है, जिसमें कहा गया है कि वह अपनी कारों और बसों में 100 फीसदी बायो-डीजल का उपयोग कर सकते हैं।
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गडकरी ने कहा कि मर्सिडीज इंडिया चीफ ने उनसे कहा है कि बायोडीजल के लिए हमने जो मानक निर्धारित किए हैं, उनको वह अपने वाहनों में उपयोग करने के दौरान आसानी से पूरा कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में 2000 सीसी व इससे अधिक क्षमता के डीजल इंजन वाली एसयूवी व हाई-एंड वाहनों के दिल्ली-एनसीआर में रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लगाया था। बायो डीजल के उपयोग पर हाल ही में सरकार के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि नए वाहनों में बायो डीजल से चलने वाले इंजन होना अनिवार्य है। हालांकि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 100 फीसदी बायो डीजल पर अंतिम नोटिफिकेशन अभी आना बाकी है।
तस्वीरों में दिखेए मर्सिडीज की एएमजी जीटी एस को
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गडकरी ने कहा कि कई प्रमुख ऑटोमोबाइल और जेसीबी समेत कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट कंपनियों ने बायो डीजल के उपयोग में अपनी रुचि दिखाई है, जो कि उच्च प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने जा रहे हैं। पेट्रोल पंपों पर बायो डीजल उपलब्ध कराने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ अभी बातचीत जारी है। बायो ईंधन पर नेशनल पॉलिसी में 2017 तक 20 फीसदी बायोडीजल और एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, गडकरी के मंत्रालय ने वाहनों के लिए 100 फीसदी बायो-डीजल के उपयोग को मंजूरी देने का फैसला किया है, इससे प्रदूषण लगभग शून्य होगा और आयातित तेल पर निर्भरता भी कम होगी।