मुंबई। पंजाब एंड सिंध बैंक ने शनिवार को खुलासा किया कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से 44.1 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। यह पहली बार है, जब बैंक ने चोकसी द्वारा की गई धोखाधड़ी के बारे में खुलकर जानकारी दी है, जो अब एंटीगुआ और बारबाडोस, वेस्ट इंडीज का नागरिक है। नई दिल्ली स्थित पीएसबी ने उसे 'विलफुल डिफॉल्टर' घोषित करने के लिए नोटिस जारी किया है।
पीएसबी के अनुसार, चोकसी की कंपनी, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने बैंक से कर्ज लिया था। यही नहीं गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के साथ मर्ज की गई उसकी कंपनी गीतांजलि एक्सपोर्ट्स लिमिटेड ने भी बैंक से कर्ज लिया था। चोकसी कंपनी में एक निदेशक और गारंटर है और कानूनी तौर पर लोन अकाउंट की जिम्मेदारी गुनियाल चोकसी पर है।
हालांकि, चूंकि वह ऋण राशि को मंजूरी देने में विफल रहे, इसलिए पीएसबी ने इसे 31 मार्च, 2018 को गैर निष्पादित संपत्ति' (नॉन परफॉर्मिग असेट) घोषित कर दिया। बैंक ने चोकसी से 23 अक्टूबर, 2018 तक कर्ज की राशि, ब्याज और अन्य शुल्कों का भुगतान करने के लिए कहा था, लेकिन वह नहीं कर पाया और पीएसबी ने 17 सितंबर, 2019 को उसे 'विलफुल डिफाल्टर' घोषित कर दिया।
इसके साथ, चोकसी विभिन्न क्षेत्रों के 27 अन्य डिफॉल्टरों की बैंक की सूची में शामिल हो गया। नए घटनाक्रम के बाद पीएसबी सरकारी स्वामित्व वाला ऐसा तीसरा बैंक बन गया है, जिसने चोकसी और नीरव मोदी की धोखाधड़ी का खुलासा किया है। इसके पहले ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी पर लगभग 289 करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप लगाया था।
बता दें कि सीबीआई ने बीते गुरुवार को अदालत से मेहुल चोकसी को पीएनबी घोटाले में भगोड़ा घोषित करने का आग्रह किया था। सीबीआई ने कहा कि चोकसी गैरजमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) का जवाब देने में विफल रहा है, इसके चलते उसे भगोड़ा घोषित करने और उसकी संपत्ति को अटैच किए जाने की इजाजत दी जाए।
एजेंसी ने कहा, 'चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है ताकि अदालत की तरफ से जारी वारंट से बच सकें।’ सीबीआई के वकील ए. लिमोसिन ने कहा, 'आरोपी फरार है, उससे पूछताछ करना हमारा अधिकार है।' हालांकि अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर तक टाल दी है।
करीब 13 हजार करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी ज्वैलर नीरव मोदी का मेहुल चोकसी मामा है, इस घोटाले का खुलासा जनवरी 2018 में हुआ था। मेहुल चोकसी ने पीएनबी घोटाले के खुलासे से पहले ही नवंबर 2017 में कैरिबियाई द्वीप एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली थी। इससे पहले जून महीने में करैबियाई देश एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउनी ने कहा था कि भारतीय बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामले में फरार मेहुल चोकसी की नागरिकता रद्द की जा सकती है, इसके बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि उसे भारतीय अधिकारियों के हवाले किया जा सकता है।
इस साल की शुरुआत में, भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) ने पहली बार चोकसी और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा 405 करोड़ रुपए का धोखाधड़ी करने का खुलासा किया था। एसबीआई का यह खुलासा यह बात सार्वजनिक होने के दो दिन बाद सामने आया था कि चोकसी ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़कर एंटीगुआ और बारबाडोस आइलैंड्स की नागरिकता ले ली है। इस साल मार्च में, भारत में लाखों लोग अच्छे कपड़े पहने लंदन की सड़कों पर बड़े आराम से चहलकदमी करते नीरव मोदी को देखकर हैरान रह गए थे। बाद में ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा नीरव मोदी को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल, भारत मामा-भांजे को कानून के कठघरे में लाने के लिए एंटीगुआ और बारबाडोस और ब्रिटेन से दोनों के प्रत्यपर्ण के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।