नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का बड़े स्तर पर विलय प्रभाव में आ गया है और यह बैंकिंग सेक्टर में एक नई शुरूआत है। सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंकों ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इलाहबाद बैंक अब इतिहास बन गये हैं। इन बैंकों का विलय चार बड़े बैंकों में हुआ है जिसका मकसद उन्हें वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना है।
वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाला वित्तीय सेवा विभाग ने ट्विटर पर लिखा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय भारतीय बैंक क्षेत्र में एक नई सुबह है। बड़े और मजबूत बैंक तेजी से कर्ज दे सकेंगे। ग्राहकों के लिये उनकी जरूरत के अनुसार और जरूरत के मुताबिक उत्पाद पेश करने के साथ उनके घर तक सेवाएं दे सकेंगे। वित्त मंत्रालय के मुताबिक तय समय में विलय प्रक्रिया पूरी कर लेना उल्लेखनीय है क्योंकि यह सब ऐसे समय हुआ है जब पूरा देश कोरोना महामारी संकट में है। इसकी रोकथाम के लिये देश भर में 21 दिन का ‘लॉकडाउन’ है। इससे पहले, दिन में पंजाब नेशनल बैंक ने कहा कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स की सभी शाखाओं ने पीएनबी की शाखा के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। इन बैंकों के विलय के बाद, उनकी पहुंच व्यापक होगी।