नई दिल्ली। McDonald’s इंडिया ने कनाट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड (CPRL) द्वारा उत्तर और पूर्वी भारत में चलाए जा रहे सभी 169 रेस्टोरेंट्स के लिए व्यावसायिक करार खत्म कर दिया है। McDonald’s ने CPRL पर अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन व भुगतान में चूक का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया है। अब CPRL मैकनोनाल्ड के नाम, चिह्न, प्रणालियों और बौद्धिक सम्पदा का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी। McDonald’s ने कहा है कि इन क्षेत्रों के लिए नया लाइसेंस भागीदार तलाशा जा रहा है।
McD के प्रचलित नाम से मशहूर McDonald’s अमेरिका की एक प्रमुख बर्गर रेस्टोरेंट कंपनी है और McDonald’s इंडिया इसकी भारतीय अनुषंगी है। देश में कंपनी के कुल 430 रेस्त्रां हैं जिनका परिचालन वह दो फ्रैंचाइजी के जरिए करती है। आपसी समझौता रद्द करने के इस नोटिस से CPRL अपने बिक्री केंद्रों पर McDonald’s के ब्रांड का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। इन केंद्रों पर हजारों की संख्या में कर्मचारी हैं। उद्यमी विक्रम बख्शी की अगुवाई वाली CPRL का McDonald’s इंडिया से विवाद चल रहा था। यह विवाद कंपनी के प्रबंधन को लेकर था। CPRL में बक्शी और McDonald’s इंडिया आधे-आधे की भागीदार हैं।
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अपनी प्रतिक्रिया में बख्शी ने कहा कि उचित कानूनी उपायों पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह निर्णय NCLT के फैसले को खुली चुनौती है जिसने CPRL बोर्ड को बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर विचार करने का निर्देश दिया था।
CPRL के बख्शी ने कहा कि,
इस नोटिस का समय बहुत ही संदिग्ध है क्योंकि यह प्रशासक द्वारा बुलाई गई पहली बोर्ड बैठक की सुबह आया है। NCLT ने इस मामले में प्रशासक नियुक्त किया था।
मैक्डोनाल्डस का एक और फ्रेंचाइजी समझौता हार्डकैसल रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ है जो कि पश्चिम व दक्षिण भारत में 261 McDonald’s रेस्टोरेंट चलाती है।
McDonald’s ने कहा है कि CPRL ने उसके साथ उसके नाम पर रेस्टोरेंट चलाने के लिए हुए अनुबंध का गंभीर उल्लंघन किया है। इसके अनुसार CPRL ने मौका प्रदान किए जाने के बावजूद विफलता के उपचार के लिए कुछ नहीं किया। कंपनी ने हालांकि कहा है कि कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं व जमीन मालिकों आदि प्रभावितों की दिक्कतों को दूर करने को प्राथमिकता दी जाएगी। कंपनी इसके लिए CPRL के साथ काम करने तो तैयार है।
फ्रैंचाइजी समझौता खत्म किए जाने के बाद अब CPRL को अमेरिकी कंपनी के नाम , व्यावसायिक प्रतीक चिह्न, डिजाइन और उससे जुड़ी बौद्धिक संपदा आदि के इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं रहेगा। ये शर्तें करार खत्म किए जाने के नोटिस के 15 दिन के अंदर लागू हो जाएंगी।
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इस निर्णय से कुछ सप्ताह पहले ही CPRL ने दिल्ली के अपने 43 रेस्टोरेंट्स बंद कर दिए थे क्योंकि स्थानीय नगर निकाय ने McDonald’s के नाम से चल रही इन दुकानों का लाइसेंस का नवीनीकरण करने से मना कर दिया था।
McDonald’s कॉरपोरेशन के वैश्विक प्रमुख (कंपनी संचार) रोन क्रिस्टीयनसन ने कहा कि, CPRL द्वारा एमआईपीएल को रॉयल्टी के भुगतान में चूक सहित समझौते के कुछ अनुबंधों के उल्लंघन को देखते हुए यह समझौता रद्द किया जाना जरूरी हो गया था।
उन्होंने कहा कि दो साल से रायल्टी का भुगतान नहीं किया गया है और CPRL उल्लंघनों के इस मुद्दे को निपटाने के लिए कोई अवसर भी नहीं दे रही थी। McDonald’s इंडिया ने आज एक बयान में कहा कि उसने 169 रेस्टोरेंट्स के परिचालन के लिए McDonald’s इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व CPRL के बीच फ्रैंचाइजी समझौता खत्म करने का नोटिस CPRL के निदेशक मंडल को भेज दिया है।
इस नोटिस के जवाब में विक्रम बख्शी ने कहा है कि यह निर्णय NCLT के फैसले को खुली चुनौती है जिसने CPRL बोर्ड को बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर विचार करने का निर्देश दिया था। बख्शी ने कहा कि CPRL सभी विधिसम्मत कदम उठाने पर विचार कर रही है।
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उल्लेखनीय है कि बख्शी को 2013 में संयुक्त उद्यम कंपनी के प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया गया था। उसके बाद से ही सीआरपीएल के प्रबंधन के लेकर बख्शी व McDonald’s की बीच कानून लड़ाई चल रही है। McDonald’s ने कहा है कि CPRL ने उसके साथ उसके नाम पर रेस्त्रां चलाने के लिए हुए अनुबंध का गंभीर उल्लंघन किया है।
McDonald’s इंडिया ने यह भी कहा है कि वह उत्तर और पूर्वी भारत में उसके साथ लाइसेंस पर काम करने और आगे विकास करने के इच्छुक उपयुक्त भागीदार की तलाश करेगी और वह इस दिशा में कदम उठा रही है।