नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) ने सोमवार को कहा है कि वह सिर्फ इलेक्ट्रिक कार विकसित करने के बजाये सीएनजी एवं हाइब्रिड वाहन समेत वैकल्पिक टेक्नोलॉजी पर भी अपना ध्यान देगी। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि देश में सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार या तेल कंपनियों के साथ भागीदारी की जाएगी। अभी देश के यात्री वाहन बाजार में कंपनी की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भार्गव ने कहा कि हम सीएनजी, हाइब्रिड एवं अन्य वैकल्पिक टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे। हम हर तरह की टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देंगे और महज एक टेक्नोलॉजी तक खुद को सीमित नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी तेल आयात तथा वायु प्रदूषण को कम करना चाहती है और यही सरकार का भी लक्ष्य है। भार्गव ने कहा कि हम देश में पर्यावरण अनुकूल कार चाहते हैं, हम तेल आयात कम करना चाहते हैं, हम वायु प्रदूषण कम करना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य वही है जो सरकार का है। इसके लिए हम सारी ऊर्जा महज बैटरी के खर्च में कटौती पर नहीं लगाने वाले हैं। हम अन्य वैकल्पिक तरीकों पर भी ध्यान देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि मारुति सुजुकी इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी आने का इंतजार करने के बजाय सीएनजी जैसे विकल्पों को अपनाना पसंद करेगी। उन्होंने कहा , ‘‘ सरकार बिजली उत्पादन से अधिक परिवहन क्षेत्र में सीएनजी के इस्तेमाल पर जोर दे रही है। हम कारों के लिए सीएनजी का यथासंभव इस्तेमाल करना चाहते हैं। सीएनजी छोटी कारों के लिए सबसे बेहतर है। ’’
उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार अन्य बाजारों से अलग है। यहां 75 प्रतिशत कारें पांच लाख रुपए से कम की हैं। भार्गव ने कहा कि विश्व में ऐसा कोई बाजार नहीं है जहां छोटी कारों का इस कदर वर्चस्व है। इलेक्ट्रिक कारों को देखें तो मौजूदा बैटरी खर्च के कारण इसकी लागत 6-7 लाख रुपए से अधिक होगी। क्या आपको लगता है कि पांच लाख रुपए के बजाये 6-7 लाख रुपए में कोई भी कार खरीदना पसंद करेगा? वहनीयता एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि हम निश्चित इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देंगे पर हमें सीएनजी, हाइब्रिड, एथेनॉल, मेथेनॉल आदि विकल्पों को भूलना नहीं चाहिए। हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए सभी विकल्पों को खुला रखना है।