नई दिल्ली। शेयर बाजार में स्टार्टअप्स लिस्टिंग को अधिक आकर्षक बनाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) नियमों में बदलाव कर सकता है। सेबी के चेयरमैन यूके सिन्हा ने कहा कि नियामक ऐसी कंपनियों के लिए नियमों में बदलाव के लिए दिए गए सुझावों पर विचार करने को तैयार है।
सिन्हा ने कहा कि दो माह में एक नया केंद्रीय अपने ग्राहक को जानो (सीकेवाईसी) व्यवस्था स्थापित हो जाएगी।
- इससे सभी वित्तीय बाजार इकाईयों को एक साझा तथा एकबारगी केवाईसी उपलब्ध होगा।
- संस्थागत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (आईटीपी) में अभी तक किसी स्टार्टअप की लिस्टिंग नहीं हुई, जबकि अगस्त, 2015 में अनुपालन और खुलासा अनिवार्यताओं के सुगम नियम अधिसूचित किए गए हैं।
- सिन्हा ने कहा कि हमने स्टार्टअप्स के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई है इसके बावजूद अभी तक एक भी कंपनी लिस्टेड नहीं हुई है।
- यदि हमारी ओर से कुछ जरूरत है तो नियामक स्टार्टअप की समस्या के बारे में सुनने और उसमें बदलाव के लिए तैयार है।
- इस बीच, सेबी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कालेधन पर गठित विशेष जांच दल से पी-नोट्स के लिए कड़े नियमों पर स्पष्टीकरण मांगा है।
- पी- नोट्स का इस्तेमाल विदेशी निवेशकों द्वारा किया जाता है।
- सिन्हा ने कहा कि नियामक पी-नोट्स या ऑफशोर डेरिवेटिव्स उत्पादों का दुरुपयोग रोकने के लिए सभी कदम उठा रहा है।