मुंबई। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि बंदरगाहों और उनके निकट बड़े औद्योगिकी शहर स्थापित करने में निवेश से आर्थिक वृद्धि दर में 1.4 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है। कांत ने पहली मेरिटाइम इंडिया समिट के अवसर पर कहा, अगर हम बंदरगाहों व बंदरगाह संपर्क में निवेश और बंदरगाहों से जुड़े बड़े औद्योगिक शहर बसाने जैसे कुछ काम करते हैं तो जीडीपी वृद्धि दर 1.3 से 1.4 फीसदी तक अधिक हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के शहरों में बड़ी संख्या में कंटेनरों का लदान, रखरखाव किया जा सकता है।
मेरिटाइम इंडिया समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने देश के 7,500 किलोमीटर लंबे समुद्री तट को आर्थिक वृद्धि का इंजन बनाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि भारत बंदरगाह-विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपए के निवेश जुटाना चाहता है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों को इस कार्य में निवेश का न्यौता दिया। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य 2025 तक अपने बंदरगाहों की क्षमता मौजूदा 140 करोड़ टन से बढ़ाकर 300 करोड़ टन करा है। हम इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाना चाहते है।
सरकार एक नया विधेयक लाएगी जिससे बंदरगाह क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए मॉडल समझौते का रास्ता सुगम होगा। पोत परिवहन सचिव राजीव कुमार ने मुंबई में मैरीटाइम इंडिया सम्मिट में कहा, अगले दो महीनों में संभवत: 30 जून तक हमारे पास एक नया मॉडल समझौता होगा। पोत परिवहन मंत्रालय अलग विधेयक लेकर आ रहा है जो बंदरगाह तथा टर्मिनल परिचालकों के बीच दीर्घकालीन रियायती समझौते का प्रबंधन कर सकता है। कुमार ने कहा कि ड्रेजिंग और जहाज में निवेश के कई अवसर हैं क्योंकि तटवर्ती माल ढुलाई गतिविधियों में अगले 10 साल में छह गुना वृद्धि होने का अनुमान है।