नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पहले मैरिटाइम इंडिया समिट 2016 का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, भारत की विशाल समुद्री तटरेखा आने वालों वर्षों में निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का प्रमुख केंद्र होगा और देश की ग्रोथ का इंजन बनेगा। उन्होंने ग्लोबल इंवेस्टर्स को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करता किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयात-निर्यात की मांग पूरी करने के लिए पांच नए बंदरगाहों की स्थापना की जाएगी, बंदरगाहों के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे।
बंदरगाहों की क्षमता बढ़ाने पर जोर
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय बंदरगाहों की क्षमता को 140 करोड़ टन से बढ़ाकर 2025 तक 300 करोड़ टन तक पहुंचाने का लक्ष्य है। निवेशकों से बंदरगाहों के विकास में साथ देने की अपील के साथ ही पीएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पहले से सुधरी है। उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि देश के मैरिटाइम सेक्टर परिवहन का सबसे बड़ा स्रोत बन सकता है। साथ ही यह इको-फ्रेंडली भी है। हालांकि पीएम ने यह भी कहा कि हमे यह ध्यान रखने की जरूरत है कि हमारी जीवनशैली, ट्रांसपोर्ट सिस्टम और व्यापार के तरीकों से समुद्रों, महासागरों की सेहत पर बुरा असर न पड़े।
मिलेगी एक करोड़ लोगों को नौकरी
पीएम ने कहा कि हम चाहते हैं कि अपने बंदरगाहों को आधुनिक बनाया जाए और उन्हें सेज से जोड़ा जाए, अगले 10 साल में सागरमाला के तहत एक करोड़ रोजगार का सृजन होगा। मोदी भारत के 12 प्रमुख बंदरगाहों का परिचालन मुनाफा वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान बढ़कर 6.7 अरब रुपए हो गया है।