मुंबई। महाराष्ट्र के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ सेल्स टैक्स (एडमिनिस्ट्रेशन) ने 2005-06 से लेकर 2015-16 तक एकत्रित किए गए प्रोफेशनल टैक्स की जानकारी दी है। आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन रॉय द्वारा मांगी गई जानकारी का जवाब देते हुए बताया गया है कि वित्त वर्ष 2010-11 में 1688 करोड़ रुपए का प्रोफेशनल टैक्स एकत्रित किया गया। वित्त वर्ष 2011-12 में 1830 करोड़, 2012-13 में 1944 करोड़ और 2013-14 में 2146 करोड़ रुपए टैक्स एकत्रित हुआ।
इन सालों के दौरान प्रोफेशनल टैक्स कलेक्शन में मामूली वृद्धि रही। 2014-15 में प्रोफेशनल टैक्स कलेक्शन 20 करोड़ रुपए बढ़कर 2166 करोड़ रुपए रहा। 2015-16 में यह मामूली 3 करोड़ रुपए की वृद्धि के साथ 2169 करोड़ रुपए ही रहा।
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- अधिकांश राज्य सरकारें अपने वेतनभोगी कर्मचारियों पर प्रोफेशनल टैक्स लगाती हैं।
- इनमें सरकारी और प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी तथा सीए, डॉक्टर, वकील आदि के अलावा बिजनेसमैन भी शामिल हैं।
- 7500 और 10,000 रुपए प्रति माह के बीच आमदनी वाले कर्मचारी को प्रति माह 175 रुपए प्रोफेशनल टैक्स देना होता है।
- जो लोग 10,000 रुपए से अधिक प्रति माह कमाते हैं उन्हें पहले 11 माह तक प्रति माह 200 रुपए और वित्त वर्ष के आखिरी माह के लिए 300 रुपए का भुगतान करना होता है।
- महिला कर्मचारी जो प्रति माह 10,000 रुपए तक कमाती हैं उन्हें प्रोफेशनल टैक्स से छूट दी गई है, जो अप्रैल 2015 से लागू है।
- किसी भी राज्य द्वारा अधिकतम प्रोफेशनल टैक्स लगाने की सीमा प्रति वर्ष 2500 रुपए तक हो सकती है।
- किसी एक वित्त वर्ष के दौरान भुगतान किए गए कुल प्रोफेशनल टैक्स की राशि को इनकम टैक्स एक्ट के तहत कर छूट का लाभ प्राप्त है।
- प्रोफेशनल टैक्स राज्य सरकारों के लिए राजस्व एकत्रित करने का एक जरिया है, जिसका इस्तेमाल तमाम सामाजिक और विकास योजनाओं के लिए किया जाता है।