नई दिल्ली। एयरसेल-मैक्सिस सौदे से जुड़े एक मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन और चार अन्य आज एक विशेष अदालत के हाजिर हुए। उन्होंने अपनी जमानत की अर्जियां दाखिल कीं। अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में मनी-लांडरिंग संबंधी एक मामलों में उन्हें हाजिर होने का सम्मन जारी किया था। मारन बंधुओं के अलावा, कलानिधि की पत्नी कावेरी कलानिधि और साउथ एशिया एफएम लिमिटेड (एसएएफएल) के प्रबंध निदेशक के षण्मुगम ने भी विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश ओ पी सैनी के सामने जमानत अर्जी पेश की। उनकी अर्जियों के बाद अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 21 जुलाई तय की है।
अदालत ने 27 फरवरी को जारी सम्मनों में चारों आरोपियों और दो कंपनियों – एसएएफएल और सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड को अदालत में पेश होने का सम्मन जारी किया था। अदालत ने ये सम्मन प्रवर्तन निदेशालय की ओर से इनके खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए जारी किए थे। ईडी ने इन छह आरोपियों के खिलाफ मनी लांडरिंग निरोधक अधिनियम के प्रावधान के तहत आरोप पत्र दाखिल किए हैं। अदालत ने उस पर कहा था कि इन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आपत्तिजनक सामग्री सामने है। अदालत ने यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय जांच जारी रखेगा और जरूरत होने पर वह नयी शिकायतें भी दायर कर सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांडरिंग निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत इन छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर हुए थे। प्रवर्तन निदेशालय के विशेष वकील एन के मट्टा ने जिरह के दौरान दावा किया था कि धन का हस्तांतरण हुआ था जिससे कथित तौर पर पता चलता है कि एसडीटीपीएल और एसएएफएल को एयरसेल-मैक्सिस सौदे में मॉरीशस की कंपनियों के जरिए 742.58 करोड़ रुपए की राशि मिली। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि मारीश की विभिन्न इकाइयों के मार्फत सह-आरोपी कलानिधि मारन द्वारा नियंत्रित एसडीटीपीएल को 549.03 करोड़ रुपए और एसएएफएल को 193.55 करोड़ रुपए मिल थे। सभी आरोपियों ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया है।