नई दिल्ली। कई और सुधारों को लेकर प्रतिबद्धता जताते हुए वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा की वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने से लघु और मध्यम उद्योग (एसएमई) भी राष्ट्रीय मूल्य वर्धन श्रंखला की कड़ी बन जाएंगे। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने इकोनॉमिस्ट इंडिया समिट 2016 में कहा, सरकार इस बात को लेकर जागरक है कि कई और सुधारों को लाया जाना है। जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद एसएमई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समूची मूल्य श्रंखला का हिस्सा बनना आसान हो जाएगा। अगली चुनौती यह होगी कि एसएमई को वैश्विक मूल्य श्रंखला का हिस्सा किस प्रकार बनाया जाए।
जीएसटी को भारत में अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है। इसमें ज्यादातर अप्रत्यक्ष करों को शामिल कर लिया जाएगा। केन्द्र के स्तर पर उत्पाद शुल्क, सेवाकर और राज्यों में लगने वाला मूलय वर्धित कर (वैट) सब इसमें समाहित हो जाएंगे। जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को 8 अगस्त को संसद में पारित कर लिया गया है। केन्द्र सरकार एक अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने की योजना बना रही है केन्द्र को अभी केन्द्रीय जीएसटी और एकीकृत जीएसटी कानून बनाने हैं जबकि राज्यों को राज्य जीएसटी कानून बनाना है।
दास हाल ही में चीन में हुई जी20 बैठक में भी गये थे। उन्होंने कहा, मैं विश्वास के साथ आपको कह सकता हूं कि जिस तरह के सुधार भारत में हो रहे हैं उनकी जी20 देशों में व्यापक प्रशंसा की जा रही है। हालांकि, दास ने इस मामले में संतुष्ट होकर बैठ जाने के प्रति चेतावनी दी। दास ने इस मामले में सत्र की विषय वस्तु को लेकर अपना असंतोष जताते हुए कहा कि सरकार ने इस दिशा में कई पहलें की हैं और ऐसा कुछ नहीं है कि जिसमें यह कहा जाये कि सुधारों की गति थम गई है। सत्र की विषयवस्तु –होल्डअप इंडिया? स्पीडिंग अप पॉलिसी रिफार्म रखी गई थी।