नई दिल्ली। देश में उत्पादकों के पास नये आर्डर में लगातार कमी के साथ विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में मई महीने में भी गिरावट का सिलसिला बना रहा। वहीं विनिर्माण गतिविधियां कमजोर पड़ने से कंपनियां तेजी से कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं। एक मासिक सर्वे रिपोर्ट में सोमवार को यह कहा गया। इससे पहले, अप्रैल महीने में विनिर्माण गतिविधियों में रिकार्ड गिरावट दर्ज की गयी थी। आईएचएस मार्किट इंडिया मैनुफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मई में 30.8 रहा जो अप्रैल में 27.4 था। यह देश के विनिर्माण क्षेत्र में एक और बड़ी गिरावट का संकेत है। हालांकि यह अप्रैल के मुकाबले थोड़ा नरम है। अप्रैल महीने में सूचकांक में गिरावट दर्ज की गयी थी जबकि इससे पहले लगातार 32 महीने तक इसमें वृद्धि हुई थी। पीएमआई के अनुसार अगर सूचकांक 50 से ऊपर है, वह विस्तार को बताता है जबकि उससे नीचे गिरावट का संकेत देता है।
आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्री एलिट केर ने कहा, ‘‘पीएमआई का ताजा आंकड़ा बताता है कि मई में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन फिर घटा है। इससे पहले, अप्रैल मे इसमें रिकार्ड गिरावट दर्ज की गयी थी जो व्यापक स्तर पर कारोबारी गतिविधियां ठप होने का नतीजा था।’’ सर्वे के अनुसार अप्रैल में रिकार्ड गिरावट के बाद कमजोर मांग के कारण उत्पादन नीचे रहा। इसके परिणामस्वरूप कंपनियों ने तेजी से कर्मचारियों की संख्या कम की है। पिछले 15 साल से संग्रह किये जा रहे आंकड़े के दौरान पहली बार इतनी संख्या में कर्मचारियों की संख्या में कमी देखी गयी है। केर ने कहा, ‘‘मई में विनिर्माण गतिविधियों में और गिरावट यह बताता है कि संकट से उबरने में कंपनियों को चुनौतियों को सामना करना पड़ सकता है। मांग कमजोर बनी हुई है जबकि कोरोना वायरस महामारी को लेकर अनिश्चितता अब भी बरकरार है।