नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मोबाइल टॉवरों से निकलने वाले रेडिएशन को लेकर चिंता को दूर करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि अबतक जो भी अध्ययन हुए उसमें स्वास्थ्य को खतरा जैसी कोई बात सामने नहीं आई है। मंत्री ने आगे जोर देकर कहा कि भारत में रेडिएशन एमिशन के लिए निर्धारित मानदंड वैश्विक मानकों की तुलना में ज्यादा कड़े हैं।
सिन्हा की टिप्पणी उस रिपोर्ट के बाद आई है जिसके अनुसार सुर्पीम कोर्ट ने 42 साल के एक कैंसर मरीज की याचिका पर ग्वालियर में बीएसएनएल के मोबाइल टॉवर को बंद करने का आदेश दिया है। आदेश से मोबाइल फोन टॉवरों से निकलने वाले विकिरण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
सिन्हा ने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में कॉल ड्रॉप की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मंत्री ने उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा, पिछले चार महीनों में हमारा आंकड़ा बताता है कि कॉल ड्रॉप में 60 प्रतिशत की कमी आई है।
एलजी को दूरसंचार कंपनियों की तलाश
एलजी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) प्रौद्योगिकी से जुड़े अपने स्मार्ट उपकरणों की पेशकश के लिए भारत में दूरसंचार कंपनियों के साथ भागीदारी की संभावना तलाश रही है। कंपनी एलजी होमचैट और स्मार्टथिनक्यू जैसे फीचर्स वाले अपने उपकरण पेश करने के लिए कुछ छोटे कदम उठा रही है। इनसे उपभोक्ता घरेलू उपकरणों पर अपने स्मार्टफोनों के जरिए नियंत्रण कर सकेंगे।