नई दिल्ली। भारतीय बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में भगोड़ा घोषित किए गए उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ भारतीय जांच एजेंसियां ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के साथ मिलकर मजबूत केस बनाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, माल्या को भारत को सौंपने के मामले में लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई 13 जून तक के लिए टाल दी गई है। आपको बता दें कि माल्या के मामले की सुनवाई पहले 17 मई को होने वाली थी।
CBI और ED की टीम पहुंची लंदन
सीपीएस के स्पोक्सपर्सन ने शुक्रवार को बताया, इस मामले की सुनवाई अब 13 जून को होगी। माल्या के प्रत्यर्पण के लिए सीबीआई और ईडी के 4 मेंबर्स वाली एक ज्वाइंट टीम मई की शुरुआत से ही लंदन में है। ऑफिशियल सूत्रों के मुताबिक ED और CBI की टीम मजबूत और अचूक मामला बनाने की कोशिश कर रही हैं। क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस सीबीआई और ईडी की तरफ से प्रोवाइड कराए गए डॉक्यूमेंटस के आधार पर ही कोर्ट में बहस करेगी। यह भी पढ़े: विजय माल्या को भारत वापस लाने की कोशिशें हुई तेज, लंदन पहुंची ED और CBI की टीम
पिछले महीने हुए थे अरेस्ट
माल्या को 18 अप्रैल को ब्रिटेन में अरेस्ट कर लिया गया था। स्कॉटलैंड यार्ड ने उन्हें वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद ही उनको 4.5 करोड़ रुपए के बॉन्ड और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर जमानत दे दी थी। अवमानना मामला: सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय को 10 जुलाई तक माल्या को भारत लाने का दिया आदेश
नौ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया
शराब कारोबारी माल्या (61) पर एसबीआई समेत 17 भारतीय बैंकों का 9,432 करोड़ रुपए बकाया हैं। यह रकम किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए लोन से जुड़ी है, जिसने अक्टूबर 2012 में अपनी उड़ानें बंद कर दी थीं। माल्या इस एयरलाइंस के मालिक थे।यह भी पढ़े: विजय माल्या की बर्बादी की ये है पूरी कहानी, इस गलती ने खत्म कर दिया था पूरा बिजनेस एंपायर
क्या कहती है प्रत्यर्पण संधि
1992 में भारत और ब्रिटेन ने प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अब तक सिर्फ एक प्रत्यर्पण ही संभव हो सका है।हालांकि भगोड़े कारोबारी माल्या के प्रत्यर्पण की मांग को ब्रिटिश सरकार ने स्वीकार कर लिया है। इसके बाद स्थानीय संविधान के मुताबिक इस मामले को अदालत भेज दिया गया है।