नई दिल्ली। बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए का बकाया लोन न चुकाने वाले विजय माल्या अब घबराए से नजर आ रहे हैं। अंग्रेजी अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को लंदन में दिए इंटरव्यू में कहा कि मेरा पासपोर्ट लेकर या मुझे गिरफ्तार करके बैंकों को पैसा नहीं मिलने वाला है। माल्या ने कहा कि वे लंदन में मजबूरी के चलते एक्साइल में (निर्वासन) जीने को मजबूर हैं, लेकिन वे इस देश को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए वह तैयार हैं और इस ‘तकलीफ भरे चैप्टर’ को खत्म करना चाहते हैं।
माल्या ने कहा, ”हम हमेशा से बैंकों से बातचीत करते रहे हैं। इस मसले को सेटल करना चाहते हैं। लेकिन यह सेटलमेंट हम वाजिब कीमतों पर चाहते हैं जिसे हम अफोर्ड कर सकें। उन्होंने कहा, मेरा पासपोर्ट लेकर या मुझे अरेस्ट करके उन्हें कोई पैसा नहीं मिलने वाला। मैं मजबूरी से एक्साइल में रहने को मजबूर हूं। माल्या ने कहा, “मैं किंगफिशर से फंड डाइवर्ट या उससे प्रॉपर्टी खरीदने का गुनाहगार नहीं हूं और ये आरोप गलत हैं। माल्या ने कहा सुप्रीम कोर्ट में बैंकों के कर्ज का मूलधन चुकाने की उन्होंने पेशकश की थी लेकिन बैंकों ने इससे इनकार कर दिया।
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माल्या ने कहा, “मुझे मोदी सरकार से कोई शिकायत नहीं है”। वे नहीं मानते कि उनके खिलाफ अरेस्ट वारेंट जारी होने या पासपोर्ट कैंसिल किए जाने में मोदी का कोई हाथ है। ”मैं इस स्टेबल गवर्नमेंट से खुश हूं। मुझे तब खुशी होगी जब मोदी सरकार को राज्यसभा में बहुमत मिलेगा। प्रोफेशनल बैंकर्स चाहते हैं कि मामला सेटल करें और आगे बढ़ें। लेकिन जिस तरह से मेरी इमेज पेश की गई है, वे नहीं चाहते कि उनकी इमेज डिस्काउंट देने वाले बैंक्स की बन जाए।