नई दिल्ली। यह माना जाता है कि महिलाएं साज-श्रृंगार के मामले में पुरुषों से आगे हैं लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार सुंदर दिखने की आकांक्षा युवाओं में कम नहीं है। उद्योग मंडल एसोचैम की एक रिपोर्ट के अनुसार 25 से 45 वर्ष के पुरुषों ने रूप सज्जा तथा सौंदर्य प्रसाधन पर खर्च के मामले में महिलाओं को पीछे छोड़ दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पुरुष सौंदर्य प्रसाधन उद्योग अगले तीन साल में संचयी रूप से 45 प्रतिशत की दर से बढ़कर 35,000 करोड़ रुपए पर पहुंच जाने का अनुमान है। इसका कारण पुरुषों में सुदंर दिखने की आकांक्षा तथा तेजी से बढ़ता शहरीकरण है। उद्योग मंडल एसोचैम की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। पुरुषों के साज-सज्जा से जुड़े उद्योग का आकार फिलहाल भारत में 16,800 करोड़ रुपए है। प्रति व्यक्ति आय तथा शहरीकरण बढ़ने से पिछले पांच साल में बाजार 45 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।
सर्वे के अनुसार यह दिलचस्प है कि 25 से 45 वर्ष के पुरुषों ने रूप सज्जा तथा सौंदर्य प्रसाधन पर खर्च के मामले में महिलाओं को पीछे छोड़ दिया है। छोटे शहरों के पुरुषों में बेहतर दिखने की ज्यादा ललक है। यह बात खासकर गोरापन बढ़ाने वाले उत्पादों पर विशेषतौर पर लागू है।
उद्योग मंडल ने एक रिपोर्ट में कहा कि लाइफ स्टाइल में बदलाव, पैसा आने, उत्पादों का बेहतर विकल्प आदि कारणों से भारतीय पुरुषों में सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों की मांग बढ़ रही है। पुरुषों के सौंदर्य प्रसाधन में आय के लिहाज से फिलहाल दाढ़ी बनाने के उत्पादों का बाजार सर्वाधिक है। उसके बाद डियोडोरेंट्स का स्थान है।