नई दिल्ली। भारत में व्हाट्सएप (WhatsApp) और स्काइप (Skype) जैसी सर्विस बहुत ज्यादा लोकप्रिय हैं और कोई भी आसानी से इनका इस्तेमाल कर सकता है। इन्हीं खूबियों की वजह से सरकार अब इन्हें टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ जोड़ने की योजना बना रही है। इसके लिए सोमवार को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों और टेलीकॉम ऑपरेटर्स के बीच एक इंटर-कनेक्ट एग्रीमेंट हुआ है, जिसे इंटर-मिनीस्ट्रियल पैनल से मंजूरी भी मिल चुकी है।
लैंडलाइन और मोबाइल फीचर से वॉयस कॉल के चार्ज को कम किया जा सकता है। मौजूदा समय में देश में हर जगह इंटरनेट की पहुंच न होने के कारण इस पहल को पूरी तरह से कामयाब नहीं माना जा सकता है। देशभर में ब्रॉडबैंड सेवा भी पूरी तरह से नहीं है। लेकिन इस एप के साथ लैंडलाइन और मोबाइल पर कॉल करना सरल और सस्ता हो सकता है। कॉल्स इंट्रा व्हाट्सएप और इंट्रा वाइबर कॉल्स की तरह नहीं होगी, कॉल के रेट्स का फैसला इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और टेलीकॉम कंपनियों का होगा, जो कि मौजूदा रेट्स से कम होगा।
विभाग से जुड़े सूत्र का कहना है कि इंटर मिनिस्ट्रियल टेलिकॉम कमीशन ने इस योजना को अपनी मंजूरी दे दी है और जल्द इसपर काम शुरू हो जाएगा। वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) भारत के अलावा अन्य देशों में काफी फैला हुआ है, लेकिन अभी शुरुआती चरण में है। ट्राई इस सेवा के समर्थन में है और चाहती है कि आईएसपी और टेलिकॉम ऑपरेटर्स का इंटरकनेक्शन हो।
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वीओआईपी (VoIP) से कैसे होगा लोगों का फायदा-
वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल एक ऐसी तकनीक है, जहां पर व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से किसी को भी ऑफलाइन टेलीफोन नेटवर्क के बजाये इंटरनेट के जरिये कॉल कर सकता है। इसमें आईएसपी टेलिकॉम ऑपरेटर्स के साथ मिलकर इंटरनेट पर कॉल करने की सेवा देंगे। आधिकारिक सूत्र के मुताबिक भारत में यह इंटरकनेक्शन सर्विस प्रीपेड मोबाइल फोन यूजर्स के लिए है। अक्सर लोगों का फोन में बैलेंस खत्म हो जाता है उस वक्त वीओआईपी काम आता है। हर किसी ने अपने फोन में इंटरनेट पैक एक्टिवेट करवा रखा होता है, ऐसे में यूजर्स काफी कम दाम पर इंटरनेट के जरिये कॉल्स कर सकते हैं।
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