नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पेन की एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 20,000 करोड़ रुपये के सौदे के लिए समझौता किया है। इस समझौते के तहत भारतीय वायु सेना के एव्रो-748 विमानों को 56 सी-295 मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से बदला जाएगा। लंबे समय से अटकी पड़ी इस खरीद को दो हफ्ते पहले ही रक्षा पर कैबिनेट कमेटी ने अपनी मंजूरी दी थी।
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि सी-295 के निर्माण के लिए एयरबस डिफेंस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच संयुक्त परियोजना को मंजूरी देना भारत में एविएशन और एविओनिक्स प्रोजेक्ट्स के लिए संभावनाओं के द्वारा खोलने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। इस सौदे के तहत, एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा इस समझौते पर हस्ताक्षर होने की तारीख से 48 माह के भीतर उड़ान भरने के लिए तैयार 16 एयरक्राफ्ट की डिलीवरी करनी होगी।
शेष 40 विमानों का निर्माण भारत में ही एयरबस डिफेंस एंड स्पेस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के कंसोर्टियम द्वारा समझौता होने के 10 साल के भीतर किया जाएगा। सी-295 एमडब्ल्यू एयरक्राफ्ट एक ट्रांसपोर्ट विमान है, जिसकी क्षमता 5-10 टन की होती है।
रतन टाटा ने कहा कि यह बड़ा कदम है जो अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप घरेलू आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करेगा। सी-295 एक मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट है। टाटा ग्रुप की ओर से, दिग्गज उद्योगपति ने देश के इक्विटी फ्रेमवर्क को मजबूत करने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ के समर्थन में भारत में इस अत्याधुनिक मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट के पूरी तरह से विनिर्माण को मंजूरी देने के साहसिक कदम के लिए एयरबस और भारतीय रक्षा मंत्रालय को बधाई दी है। यह अपनी तरह का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें एक सैन्य विमान का निर्माण भारत में एक प्राइवेट कंपनी द्वारा किया जाएगा।
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