नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत के 12 प्रमुख बंदरगाह व कुछ पोत इकाइयां अमेरिकी डॉलर में 50,000 करोड़ रुपए तक का ऋण बहुत ही मामूली ब्याज दर पर जुटा सकती हैं, इससे देश में बुनियादी ढांचे को बल दिया जा सकेगा।
पोत, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) ने विदेशी मुद्रा में 40 करोड़ डॉलर का ऋण जुटाया था। इसके बाद एक और प्रमुख बंदरगाह कामराजर एन्नोर 10 करोड़ डॉलर जुटाने की प्रक्रिया में है। यह पहली बार है जब केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले प्रमुख बंदरगाह विदेशी मुद्रा वाले ऋण जुटा रहे हैं, जबकि अब तक केवल निजी कंपनियां ही यह प्रक्रिया अपनाती थीं।
गडकरी ने कहा कि बंदरगाह व पोत बुनियादी ढांचे को बल देने के लिए धन की कमी नहीं है। हमारे 12 प्रमुख बंदरगाह व शिपिंग कॉरपोरेशन तथा ड्रेजिंग कॉरपोरेशन जैसी कंपनियां अमेरिकी डॉलर में 50,000 करोड़ रुपए तक का ऋण ले सकती हैं, वह भी दो प्रतिशत की बहुत कम ब्याज दर पर।
मंत्री ने कहा कि निम्न ब्याज दर पर वित्त पोषण का यह तरीका प्रमुख बंदरगाहों द्वारा अपने ढांचागत विकास के लिए पहली बार अपनाया जा रहा है। वहीं एक अधिकारी ने कहा कि एक अन्य प्रमुख बंदरगाह कांडला पोर्ट ट्रस्ट भी बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के जरिये 15 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना बना रहा है। जेएनपीटी ने पिछले साल 40 करोड़ डॉलर के ऋण के लिए एसबीआई तथा सिंगापुर के डीबीएस से समझौता किया था।