नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरेफेरियल एक्सप्रेसवे के उदघाटन के मौके पर अपना 4 साल का रिपोर्ट कार्ड गिनाया। पीएम मोदी ने एक्सप्रेसवे के उदघाटन के मौके पर एक्सप्रेस वे से होने वाले फायदों के साथ उनके 4 साल के कार्यकाल के दौरान अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे मे जानकारी भी दी, प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से अपने रिपोर्ट कार्ड पर दी गई जानकारी की मुख्य बातें इस तरह से है।
- बीते चार वर्षों में 3 लाख करोड़ से अधिक खर्च कर 28 हज़ार किलोमीटर से अधिक के नए हाईवे बनाए चुके हैं। चार वर्ष पहले तक जहां एक दिन में सिर्फ 12 किलोमीटर हाईवे बनते थे, आज लगभग 27 किलोमीटर हाईवे बनाए जा रहे हैं
- इस वर्ष के बजट में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 5 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके तहत लगभग 35 हज़ार किलोमीटर हाईवे बनाए जा रहे हैं
- हाईवे ही नहीं, रेलवे में अभूतपूर्व काम हो रहा है। जहां रेलवे की कनेक्टिविटी नहीं थी, वहां तेज़ी से रेल नेटवर्क बिछाया जा रहा है
- सिंगल लाइनों को ब्रॉडगेज में बदलने का काम तीव्र गति से चल रहा है। ट्रेनों की स्पीड बढाई जा रही है। लगभग साढ़े 5 हज़ार मानवरहित क्रॉसिंग को बीते चार वर्षों में हटाया जा चुका है
- मौजूदा समय में देशभर में रेलगाड़ियों के AC डिब्बों में जितने लोग यात्रा कर रहे हैं उससे ज्यादा लोग अब हवाई जहाज से यात्रा करने लगे हैं।
- देश के जल शक्ति का भी पूरा इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। देश में 100 से ज्यादा नए वॉटरवेज बनाए जा रहे हैं। यहां यूपी में ही गंगा जी में जहाज़ चलने लगे हैं। गंगा जी के माध्यम से यूपी समंदर से जुड़ने वाला है
- जल्द ही मालवाहक जहाज़ यूपी में बना सामान बड़े-बड़े पोर्ट तक पहुंचाएंगे। गंगा जी की तरह यमुना जी को लेकर भी योजनाएं बनाई जा रही हैं
- जहां-जहां ट्रांसपोर्ट की ये सुविधाएं खड़ी की जा रही हैं, वहां-वहां नए उद्योगों के अवसर भी तैयार किए जा रहे हैं। इसी सोच के साथ इस साल बजट में यूपी में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण का भी ऐलान किया गया है
- New India की तमाम नई व्यवस्थाएं देश के युवाओं, मध्यम वर्ग की आशाओं-अपेक्षाओं के आधार पर खड़ी की जा रही हैं
- हमारी सरकार की रफ्तार का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि कांग्रेस सरकार जहां अपने चार साल में सिर्फ 59 पंचायतें ही ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ पाई , वहीं हमने एक लाख से अधिक पंचायतों को ऑपटिकल फाइबर से जोड़ दिया है
- मेक इन इंडिया के माध्यम से देश में मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका परिणाम ये हुआ कि चार वर्ष पहले तक जहां देश में सिर्फ 2 मोबाइल फोन बनाने वाली फैक्ट्रियां थीं, आज 120 फैक्ट्रियां हैं। इनमें से कई तो यहां NCR में ही हैं जिनसे अनेक युवाओं को रोजगार भी मिला है
- बेहतर बिजनेस और कारोबार तब होता है जब सुरक्षा व्यवस्था सही होती है। यहां पश्चिम यूपी में तो आप साक्षात गवाह रहे हैं कि क्या स्थिति थी। लेकिन अब योगी जी के नेतृत्व वाली सरकार में अपराधी खुद सरेंडर कर रहे हैं, कभी भी अपराध ना करने की शपथ लेने लगे हैं
- हम महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए भी निरंतर काम कर रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने देश में साढ़े 7 करोड़ शौचालय हो या फिर उज्जवला योजना के तहत दिए गए 4 करोड़ गैस कनेक्शन, इन्होंने महिलाओं के जीवन को आसान बनाने का काम किया है
- वहीं मुद्रा योजना के तहत जो लगभग 13 करोड़ लोन दिए गए हैं, उनमें से 75 प्रतिशत से अधिक महिला उद्यमियों को मिले हैं। बीते चार वर्ष में हमने बेटियों को सम्मान दिया और सशक्त बनाया है
- दलितों और पिछड़ों के सशक्तिकरण और सम्मान के लिए बीते चार वर्षों में एक के बाद एक कई कदम उठाए गए हैं। चाहे वो स्वरोज़गार हो या फिर सामाजिक सुरक्षा, आज अनेक योजनाएं इस दिशा में काम कर रही हैं
- ये हमारी सरकार के लिए सौभाग्य की बात है कि हम बाबा साहब आंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों को पंच तीर्थ के तौर पर विकसित कर रहे हैं
- मैं आपको अनुभव के आधार पर कह सकता हूं, कि जिनके मन में स्वार्थ है वो सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाने वाली राजनीति करता है। वो लोकलुभाव राजनीति करता है। लेकिन जो सही मायनों में आपके हित में सोचता है, वो लोकहित की राजनीति करता है
- दलितों के अत्याचार से जुड़े मामलों की तेज सुनवाई के लिए Special Courts का गठन किया जा रहा है
- सरकार ने पिछड़ी जातियों के सब-कैटेगराइजेश के लिए कमीशन के गठन का निर्णय भी किया है। सरकार चाहती है कि OBC समुदाय में जो अति पिछड़े हैं, उन्हें सरकार और शिक्षण संस्थाओं में तय सीमा में रहते हुए आरक्षण का और ज्यादा फायदा मिले
- हमारी सरकार ग्रामोदय से भारत उदय की अवधारणा पर काम कर रही है। जब हम ग्रामोदय की बात करते हैं तो उसका केंद्र बिंदु मेरे देश का अन्नदाता, मेरा किसान है। इस वर्ष बजट में गांव और खेती से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 14 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है
- इसके अलावा यूरिया की सौ प्रतिशत नीम कोटिंग, प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में विस्तार से भी किसान को लाभ पहुंचा है। किसान को लागत का डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य भी हमारी सरकार ने सुनिश्चित करना तय किया है
- खेत से निकलकर बाजार तक पहुंचने से पहले किसानों की उपज बर्बाद न हो, इसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए के निवेश वाली प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना पर काम किया जा रहा है। ये योजना पश्चिम यूपी के आलू पैदा करने वाले किसानों की भी मदद करेगी
- यहां के गन्ना किसानों के लिए भी हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। पिछले वर्ष ही हमने गन्ने का समर्थन मूल्य लगभग 11 प्रतिशत बढ़ाया था
- इससे गन्ने के 5 करोड़ किसानों को सीधा लाभ हुआ था। इथेनॉल से जुड़ी पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए अब पेट्रोल में इथेनॉल की 10 प्रतिशत ब्लेन्डिंग को भी स्वीकृति दी जा चुकी है
- गन्ना किसानों को चीनी मिलों से बकाया मिलने में देरी न हो, इससे जुड़ा एक बड़ा फैसला हाल में लिया गया है। सरकार ने तय किया है कि प्रति क्विंटल गन्ने पर 5 रुपए 50 पैसे की आर्थिक मदद चीनी मिलों को दी जाएगी
- लेकिन हमें पता है कि इसमें किस तरह का खेल होता है, इसलिए ये राशि चीनी मिलों को न देकर सीधे गन्ना किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इससे गन्ना किसानों का पैसा चीनी मिलों में फंसेगा नहीं