नई दिल्ली। घरेलू ऑटो कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने मंगलवार को फोर्ड मोटर कंपनी की पूर्ण-स्वामित्व वाली इकाई में अधिकांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की घोषणा की है। इस अधिग्रहण के जरिये फोर्ड के भारत में ऑटोमोटिव बिजनेस पर महिंद्रा को नियंत्रण मिलेगा। नई इकाई भारत में बाजार का विकास और फोर्ड ब्रांड के वाहनों को बेचेगी। यह संयुक्त उपक्रम महिंद्रा और फोर्ड दोनों के वाहनों की बिक्री करेगा।
समझौते के तहत, महिंद्रा एंड महिंद्रा फोर्ड मोटर कंपनी इंक की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई आरडॉर ऑटोमोटिव प्राइवेट लि. में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण 657 करोड़ रुपए में करेगी। शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी फोर्ड मोटर कंपनी या इसकी किसी सहयोगी इकाई के पास होगी।
फोर्ड इंडिया प्रा. लि. 1995 में भारत के ऑटोमोटिव कारोबार में संलग्न है। ऑटोमोटिव कारोबार अधिग्रहण के तहत फोर्ड इंडिया के चेन्नई और साणद स्थित वाहन विनिर्माण प्लांट का अधिग्रहण भी शामिल है।
इस अधिग्रहण में साणद स्थित फोर्ड मोटर कंपनी की पावरट्रेन सुविधा शामिल नहीं है। इसका इस्तेमाल फोर्ड मोटर वैश्विक बाजार के लिए करती है। फोर्ड इंडिया के ऑटोमोटिव कारोबार ने 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान 26,324 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया था। वित्त वर्ष 2017-18 में यह 25,010 करोड़ और वित्त वर्ष 2016-17 में 22,103 करोड़ रुपए था।
संयुक्त उपक्रम फोर्ड ब्रांड के तहत तीन नए यूटीलिटी वाहन पेश करेगी, जिसकी शुरुआत मिड-साइज स्पोर्ट यूटीलिटी वाहन से होगी। इसे महिंद्रा प्रोडक्ट प्लेटफॉर्म और पावरट्रेन के संयुक्त प्रयासों से तैयार किया जाएगा। इस अधिग्रहण के 2020 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है।