लंदन। ब्रिटेन में अपनी इलेक्ट्रिक कार ई2ओ को पेश करने के बाद अब भारतीय वाहन कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा का इरादा इसे स्वीडन और नॉर्वे सहित अन्य देशों में भी दौड़ाने का है। कंपनी अपने नए वाहन खंड की विस्तार योजना के तहत ई2ओ को अन्य यूरोपीय बाजारों में भी बेचने की तैयारी कर रही है।
कंपनी लागत तथा अन्य मुद्दों की वजह से विकसित देशों में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को लेकर उत्साहित है। इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए कैलिफोर्निया में जेनजी इलेक्ट्रिक स्कूटर पेश करने के दो महीने में ही ई2ओ उतार दी है। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, जब आप उन देशों की ओर देखते हैं जो आसानी से इसे अपना सकते हैं, तो ज्यादातर विकसित देश ध्यान में आते हैं, क्योंकि लागत प्रमुख मुद्दा है। विशेषरूप से यह देखते हुए बैटरी की लागत अभी काफी ऊंची है। ऐसे में परिभाषा के हिसाब से इलेक्ट्रिक कार धनी अर्थव्यवस्थाओं में अधिक सस्ती पड़ेगी। महिंद्रा ने कहा कि इसके अलावा जलवायु परिवर्तन की चिंता और जलवायु परिवर्तन से संबंधित नियमन पश्चिमी देशों में अधिक सख्त हैं। ऐसे में यदि तार्किक आधार पर देखा जाए तो पश्चिम के और संपन्न देश भारत की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे।
इस साल हो सकता है 25 लाख पेटी वॉशिंगटन सेब का आयात
अमेरिका के सेब उत्पादक और पैकिंग करने वाली संस्था वॉशिंगटन सेब आयोग को उम्मीद है कि सितंबर से शुरू हो रहे सत्र में भारत को करीब 20-25 लाख पेटी सेब का निर्यात होगा। यह खेप, हालांकि, पिछले साल (सितंबर-अगस्त) से कम होगा। उस समय 20-20 किलो की 57 लाख पेटियों का आयात हुआ था। वॉशिंगटन सेब आयोग (वैक) के अध्यक्ष टॉड फ्राइहोवर ने कहा, सेब का उत्पादन पिछले साल से कमतर होगा, इसलिए हम 20-25 लाख पेटी वॉशिंगटन सेब का भारत को निर्यात होने की उम्मीद है। इस साल सेब उत्पादन 11.6 करोड़ पेटी रहने की उम्मीद है, जो पिछले विपणन वर्ष में 14.2 करोड़ पेटी थी।