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Ford Mahindra Partnership
नई दिल्ली। भारतीय ऑटोमोबाइल जगत में भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के बीच नए अध्याय की शुरुआत होने जा रही है। भारतीय एसयूवी दिग्गज महिंद्रा और अमेरिकी कंपनी फोर्ड मिलकर वाहन तैयार करने की योजना पर काम कर रहे हैं। फोर्ड इंडिया ने उम्मीद जतायी है कि महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ साझेदारी के बाद आने वाले उत्पाद उभरते बाजार में पकड़ मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
फोर्ड इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनुराग मेहरोत्रा ने कहा कि कंपनी ‘कुछ समय में’ इस साल मार्च में महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ हुए पांच करार के बारे में ‘कुछ अद्यतन जानकारी’ देगी। इसमें दो एसयूवी एवं एक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं। मेहरोत्रा ने कहा, “महिंद्रा के साथ सहयोग और बातचीत से मिलने वाली जानकारी बाजार नीतियों को नये सिरे से निर्धारित करने में मददगार साबित हो रही हैं।”
फोर्ड इंडिया ने अप्रैल, 2017 में देश में प्रायोगिक तौर पर ‘इमर्जिंग मार्केट ऑपरेटिंग मॉडल’ को लागू किया था। इसके जरिए कंपनी ने ब्रांड को मजबूत बनाने, सही उत्पाद, प्रतिस्पर्धी कीमत और कारोबार को मजबूती देने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर जोर दिया। इस मॉडल के तहत कंपनी ने भारत में विनिर्माण के संदर्भ में हर इकाई पर आने वाली लागत (सीपीयू) की गणना शुरू की। अन्य विकसित बाजारों में इसकी गणना घंटा प्रति इकाई (एचपीयू) के हिसाब से की जाती है।
मेहरोत्रा ने कहा, “पिछले दो साल में हम ढांचागत लागत में 40 प्रतिशत की कमी लाने में सफल रहे हैं।” इस मॉडल के महत्व का उल्लेख करते हुए मेहरोत्रा ने कहा कि मार्च, 2018 में खत्म हुए वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व करीब चार अरब डॉलर रहा। उन्होंने कहा कि कंपनी की घरेलू आय पहली बार एक अरब डॉलर के पार पहुंच गयी।