नई दिल्ली। कोयले की किल्लत से महाराष्ट्र में बिजली संकट गहराने की आशंका बन गयी है। स्थिति ये है कि प्रदेश सरकार ने अब लोगों से अपील है कि वो बिजली बचायें और किसी भी तरह की बर्बादी न करें। प्रदेश सरकार की अपील प्रदेश में 13 पावर प्लांट में काम ठप होने के बाद आई है। कोयले की कमी से इन प्लांट में उत्पादन बंद हो गया है।
क्या है प्रदेश के बिजली विभाग का बयान
बिजली विभाग ने एक सर्कुलर में कहा है, कोयले की कमी की वजह से एमएसईडीसीएल को बिजली की आपूर्ति करने वाले 13 थर्मल पावर प्लांट में उत्पादन ठप हो गया है, इसकी वजह से 3300 मेगावाट से ज्यादा बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ा है। विभाग ने कहा कि बिजली की आपूर्ति को बनाये रखने के लिये आपात खरीद की जा रही है साथ ही लोड शेडिंग को रोकने के लिए एमएसईडीसीएल की ओर से कड़े प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि स्थिति को देखते हुए विभाग ने बिजली का सोच समझकर इस्तेमाल करने की सलाह दी है। विभाग ने लोगों से कहा कि मांग और उपलब्धता को संतुलित करने के लिए उपभोक्ताओं से सुबह छह बजे से 10 बजे तक और शाम छह बजे से रात 10 बजे तक बिजली का संतुलित उपयोग करें। बयान के अनुसार, बिजली की बढ़ती मांग के चलते इसकी खरीद की कीमत महंगी हुई है। वर्तमान में 3330 मेगावाट की कमी के लिए बिजली खुले बाजार से खरीद रहे हैं। 700 मेगावाट बिजली 13.60 रुपये प्रति यूनिट की दर से खुले बाजार से खरीदी जा रही है। रविवार की सुबह रियल टाइम ट्रांजेक्शन के जरिए 900 मेगावाट बिजली 6.23 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदी गई।
क्या है केन्द्र सरकार का बयान
वहीं रविवार को ही ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि देश में बिजली का संकट नहीं है और इसे जानबूझकर दिखाया जा रहा है। उनके मुताबिक प्रदेशों को मांग के मुताबिक बिजली मिल रही है। इसके साथ ही कोयला मंत्री ने भी इससे पहले कहा था कि देश में कोयले की किल्लत नहीं है, हालांकि बारिश की वजह से खदानों पर असर पड़ने और कोयले को प्लांट तक पहुंचाने में आई दिक्कतों से प्लांट में कोयले के स्टॉक में कमी आई है। वहीं ऊर्जा मंत्री ने कहा कि फिलहाल प्लांट को मांग के मुताबिक कोयला पहुंचाया जा रहा है और फिलहाल बिजली संकट की कोई आशंका नहीं है।
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