मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोष में मई के मध्य तक करीब 342 करोड़ रुपए का दान आया जिसमें से 23.82 करोड़ रुपए वायरस के प्रसार पर काबू पाने के लिए खर्च किए गए, जबकि 55.20 करोड़ रुपए प्रवासी कामगारों की उनके गृह राज्य की यात्रा के किराये में खर्च किए गए।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी में यह बात सामने आई है। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक कोष में 18 मई तक कुल 342 करोड़ रुपए आए, जिसमें से अब तक सिर्फ 23.82 करोड़ रुपए संक्रमण पर काबू पाने में खर्च किए गए।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस आशय की जानकारी सरकार से मांगी थी। सरकार के जवाब के मुताबिक सबसे ज्यादा 55.20 करोड़ रुपए प्रवासी कामगारों को उनके गृह प्रदेश भेजने में खर्च किए गए। इसके अलावा 80 लाख रुपए आठ मई को औरंगाबाद में हुए रेल हादसे में जान गंवाने वाले प्रवासी कामगारों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर दिए गए।