चेन्नई। कुछ फार्मा कंपनियों के फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशंस (एफडीसी) वाली दवाओं पर प्रतिबंध हटाने के दिल्ली हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश से इतर मद्रास हाई कोर्ट ने इन दवाओं की भारत में बिक्री एवं विनिर्माण पर प्रतिबंध लगाने के केन्द्र के आदेश में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।
मुख्य न्यायधीश संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने केन्द्र की 10 मार्च की अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार किया। केन्द्र ने इस अधिसूचना में 300 से अधिक एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था। फेडरेशन आफ साउथ इंडियन फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने इस संबंध में याचिका दायर कर केंद्र सरकार की अधिसूचना को रद्द करने की अपील की थी। पीठ ने इस याचिका पर केंद्र व राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर अपना रख स्पष्ट करने को कहा है। पीठ ने इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से सहमति जताने से इनकार किया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने फार्मा कंपनियों दी गई अंतरिम राहत की मियाद 28 मार्च तक के लिए बढ़ा दी है। इस मुद्दे पर दो उच्च न्यायालयों के अलग-अलग मत होने से यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचने की संभावना है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशंस (एफडीसी) वाली दवाओं पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने संबंधी अंतरिम आदेश की मियाद 28 मार्च तक के लिए बढ़ा दी है। केन्द्र ने प्रतिबंध पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश समाप्त करने की यह कहते हुए मांग की थी कि अदालत का यह फैसला जनहित और मरीज की सुरक्षा के खिलाफ है और दवा कंपनियों का एकमात्र उद्देश्य मुनाफा कमाना है।