मुंबई। कर्ज के बढ़ते बोझ और बिक्री में गिरावट की वजह से मैक्रोटेक डेवलपर्स (पूर्व में लोढ़ा डेवलपर्स) ने अपने 400 कर्मचारियों की छंटनी की है। कंपनी पर कर्ज का बोझ 25,600 करोड़ रुपए को पार कर चुका है। हालांकि, देश के सबसे बड़े रीयल एस्टेट समूह ने कहा है कि इन कर्मचारियों की छंटनी उनके कामकाज के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद की गई है।
मुंबई भाजपा अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा द्वारा प्रवर्तित कंपनी में कर्मचारियों की छंटनी ऐसे समय की गई है जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर छह साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आ गई है। दो वैश्विक रेटिंग एजेंसियों मूडीज इन्वेस्टर्स एंड सर्विस तथा फिच रेटिंग्स ने लोढ़ा समूह की रेटिंग को नकारात्मक परिदृश्य के साथ नीचे किया। फिच की इकाई इंडिया रेटिंग्स द्वारा हाल में जारी रेटिंग में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष 2018-19 में मैक्रोटेक का कर्ज 13 प्रतिशत बढ़कर 25,640 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'मैक्रोटेक ने अपनी विभिन्न परियोजनाओं में करीब 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार दिया है। मौजूदा छंटनी सालाना प्रदर्शन के आकलन का हिस्सा है।' सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने मध्यम से कनिष्ठ स्तर के कर्मचारियों को बाहर किया है। फिलहाल लोढ़ा ग्रुप की 42 आवासीय परियोजनाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।