नई दिल्ली। चालू साल की पहली तिमाही में विलय एवं अधिग्रहण गतिविधियों की तेज शुरुआत हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार पहली तिमाही में भारतीय कंपनियों ने कुल 17.9 अरब डॉलर के सौदे किए। इससे पिछली तिमाही में भारतीय कंपनियों ने 9.2 अरब डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदे किए थे।
वैश्विक स्तर पर विलय एवं अधिग्रहण सौदों पर निगाह रखने वाली कंपनी मर्जरमार्केट के अनुसार सौदों के मूल्य में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है, लेकिन तिमाही के दौरान कुल सौदों की संख्या घटकर 76 पर आ गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 110 रही थी।
उल्लेखनीय तथ्य यह है कि एशिया प्रशांत (जापान को छोड़कर) क्षेत्र में कुल सौदों के मूल्य में भारत का हिस्सा बढ़कर 13.2 प्रतिशत पर पहुंच गया। मर्जरमार्केट इंडिया की विलय एवं अधिग्रहण के रुख पर 2017 की पहली तिमाही की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-मार्च में दूरसंचार क्षेत्र में 13.6 अरब डॉलर के तीन विलय एवं अधिग्रहण सौदे हुए। एक साल पहले समान अवधि में इस क्षेत्र में 6 करोड़ डॉलर के दो सौदे हुए थे।
इसमें सबसे बड़ा सौदा वोडाफोन समूह द्वारा वोडाफोन इंडिया के आइडिया सेल्युलर के साथ विलय का है। यह सौदा 12.7 अरब डॉलर का है और विभिन्न सौदों के कुल मूल्य के 70.6 प्रतिशत के बराबर है। इस क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण सौदा कोहलबर्ग क्राविस रॉबर्ट्स एंड कंपनी (केकेआर) द्वारा भारती इन्फ्राटेल में 10.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण का करार है, जो 94.8 करोड़ डॉलर का है।