नई दिल्ली। स्मार्टफोन की बिक्री के मामले में भारत दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति अमेरिका से आगे निकल गया है। रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 की पहली तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जिसके चलते बिक्री के मामले में अमेरिका को पछाड़कर भारत अब सबसे ज्यादा स्मार्टफोन यूजर वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। वहीं घरेलू 4जी स्मार्टफोन बाजार की बात करें तो यहां रिलायंस जियो की सहयोगी कंपनी LYF ने देश में धमाकेदार एंट्री की है। LYF ने माइक्रोमैक्स और लेनोवो जैसी कंपनियों को चौंकाते हुए दूसरे पायदान पर जगह पक्की कर ली है। हालांकि सभी प्रकार के मोबाइल की बिक्री के मामले में सैमसंग की बादशाहत अभी भी कायम है। बाजार में इसकी इस्सेदारी 25 फीसदी है।
जियो की लॉन्चिंग से पहले बाजार पर छाई एलवाईएफ
मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो का अभी यूजर्स को इंतजार है। लेकिन जियो की लॉन्चिंग से पहले ही इसके सहयोगी ब्रांड LYF ने बाजार में धूम मचा दी है। एलवाईएफ ने एंट्री के साथ ही 7 प्रतिशत बाजार पर कब्जा जमा लिया है। माइक्रोमैक्स और लेनोवो को पछाड़कर लाइफ दूसरी सबसे बड़ी एलटीई फोन सप्लायर भी बन गई है। इस लिस्ट में माइक्रोमैक्स (17 प्रतिशत), इंटेक्स (10 प्रतिशत), लेनो (8 प्रतिशत) और कार्बन (5 प्रतिशत) के साथ शामिल हैं। बात करें मोबाइल फोन बिक्री (फीचर फोन सहित) की तो सैमसंग ने इस सेगमेंट में 25 प्रतिशत मार्केट शेयर पर कब्जा किया। जबकि माइक्रोमैक्स (14 प्रतिशत), इंटेक्स (11 प्रतिशत), लावा (9 प्रतिशत) और कार्बन की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत रही।
देखिए रिलायंस LYF की कंप्लीट रेंज और स्पेसिफिकेशंस
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अगला चीन बनने की तैयारी में भारत
काउंटरपॉइंट रिसर्च के डायरेक्टर पीटर रिचर्डसन के मुताबिक भारत अगला चीन बनने वाला है। अगले पांच साल में भारत में एक अरब से ज्यादा स्मार्टफोन बेचे जाएंगे। इतने ही समय में स्मार्टफोन यूजर की संख्या भी 25 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ हो जाएगी। इसके अलावा, 4जी एलटीई नेटवर्क भी देश में आने वाले सालों में स्मार्टफोन बिकने में एक महत्वपूर्ण रोल अदा करेगा।
इंटरनेशनल डिमांड सुस्त
काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी-मार्च में ग्लोबल स्मार्टफोन शिपमेंट 344 मिलियन यूनिट रही। इसकी बड़ी वजह चीन, ब्राजील समेत यूरोप के कुछ देशों में स्मार्टफोन की कम मांग रही। स्मार्टफोन की शुरुआत के बाद से ऐसा पहली बार है जब ग्लोबली स्मार्टफोन बाजार में कोई बढ़त नहीं देखी गई।