जर्मनी की सबसे बड़ी लुफ्थांसा एयरलाइन ने 20 अक्टूबर तक भारत के लिए अपनी सभी एयरलाइंस को रद्द कर दिया है। भारत में यात्री उड़ानों से जुड़ी सर्वोच्च संस्था DGCA द्वारा प्रति सप्ताह सीमित उड़ानों को अनुमति देने के फैसले के विरोध में लुफ्थांसा ने यह कदम उठाया है। इस फैसले के तहत लुफ्थांसा ने भारत और जर्मनी के बीच 30 सितंबर से 20 अक्टूबर के बीच सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है।
एक बयान में, लुफ्थांसा ने कहा कि उसने यह कदम इंडियन अथॉरिटीज की तरफ से कम्पनी के अक्टूबर तक के लिए प्लान्ड फ्लाइट शेड्यूल को रिजेक्ट करने के बाद उठाया है। इसके चलते कंपनी 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक भारत और जर्मनी के बीच सभी "नियोजित उड़ानों" को रद्द कर रही है। एयरलाइन के मुताबिक भारत ने जर्मनी की सरकार के टेम्परेरी ट्रैवल एग्रीमेंट पर बातचीत करने के न्यौते को अब तक स्वीकार नहीं किया है।
कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण 23 मार्च से भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, जर्मनी सहित 13 देशों के साथ भारत द्वारा गठित "एयर बबल" व्यवस्था के तहत विशेष उड़ानों की अनुमति दी गई है। भारत के अधिकारी के अनुसार, महामारी के समय में भारत और जर्मनी के बीच जुलाई एयर बबल एग्रीमेंट हुआ था जिसमें दोनों देशों के नागरिकों को एक-दूसरे देश में ट्रैवल करने की अनुमति दी गई थी।
डीजीसीए का बयान
डीजीसीए ने कहा कि लुप्थांसा की एक सप्ताह में संचालित होने वाली उड़ानों की संख्या 20 है। जबकि भारतीय एयरलाइन्स सप्ताह में तीन से चार उड़ानों को ही संचालित कर रहे हैं। इस अंतर के बावजूद हमने लुफ्थांसा के लिए एक सप्ताह में सात उड़ानों की पेशकश की जो उनके द्वारा स्वीकार नहीं की गई थी। बातचीत जारी है।
लुफ्थांसा का बयान
लुफ्थांसा ने बयान में कहा है कि दिल्ली, मुम्बई और बेंगलुरू को जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों से जोड़ने के लिए उसने अक्टूबर में उड़ानें संचालित करने का प्लान बनाया था। सितम्बर के अंत तक स्पेशल फ्लाइट्स के संचालन की अनुमति मांगी थी। भारत ने मांग नहीं मानी। इंडियन अथॉरिटीज और जर्मनी की सरकार को जल्द बातचीत करने की जरूरत है जिससे यात्रा करने वाले भारतीय और अन्य देशों के हजारों नागरिकों को किसी तरह की परेशानी न हो।