नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी लारसन एंड टूब्रो (L&T) ने पिछले तीन महीने में बड़ी छंटनी की है। कंपनी ने करीब 14,000 कर्मचारियों को बाहर कर दिया। यह आंकड़ा कंपनी के कुल वर्कफोर्स के 11.2% के बराबर है। L&T ने मंगलवार को जुलाई-सितंबर नतीजों का ऐलान करने के बाद मैनेजमेंट ने कहा कि उसने यह कदम बिजनेस में आई मंदी के चलते उठाया है। कंपनी का कहना है कि ग्रुप में डिजिटाइजेशन के चलते बड़ी संख्या में एंप्लॉयीज के लिए कोई काम नहीं बचा था, जिसके चलते यह छंटनी की गई।
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इसलिए की 14 हजार कर्मचारियों की छंटनी
L&T के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) आर शंकर रमन ने कहा, ‘कंपनी ने अपने कई बिजनेस में स्टाफ की संख्या सही स्तर पर लाने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं। हमने डिजिटाइजेशन और प्रॉडक्टिविटी बढ़ाने के मकसद से जो उपाय किए थे, उसके चलते कई नौकरियों की जरूरत नहीं रह गई। इसके चलते सितंबर को खत्म छमाही में ग्रुप ने 14000 एंप्लॉयीज की छंटनी कर दी।
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सरकारी ऑर्डर्स में तेजी से मिला सहारा
- L&T मैनेजमेंट का अनुमान है कि आने वाले महीनों में इकनॉमिक एनवायरन्मेंट चुनौतीपूर्ण रह सकता है।
- सरकारी ऑर्डर्स में तेजी आने से प्राइवेट सेक्टर की सुस्ती की भरपाई हो जाएगी।
- रमन ने कहा कि छंटनी एक तरह का भूल सुधार अभियान है और इसको आगे भी होने वाली घटना के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
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क्रूड में गिरावट से कई ऑर्डर कैंसल हुए
- मैनेजमेंट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में क्रूड कीमतें गिरने से खाड़ी देशों में उसके कई ऑर्डर कैंसल हो गए है।
- डोमेस्टिक मार्केट में कॉम्पिटिशन बढ़ गया है कि सभी कंपनियां घट रहे ऑर्डर बुक में अपना हिस्सा बंटाने की होड़ में जुट गई हैं।
- ग्रुप को शुरुआती अनुमान से लागत में बहुत ज्यादा वृद्धि हो जाने और कई दूसरे मुद्दों के चलते नुकसान हुआ है।
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इस फाइनेंशियल की पहली छमाही में मुनाफा 2044 करोड़ रुपए रहा
- फाइनेंशियल ईयर 2016-17 की पहली छमाही में कंपनी की कुल आय 8.6 फीसदी बढ़कर 46,885 करोड़ रुपए हो गई है।
- इस दौरान कंपनी का मुनाफा बढ़कर 2,044 करोड़ रुपये हो गया जो पिछले 1,197 करोड़ रुपये था।