नई दिल्ली। घरेलू रसोई गैस (LPG) डीलर्स ने रसोई गैस सिलेंडर सहित विभिन्न पेट्रोलियम पदार्थों का विपणन करने वाली सरकारी कंपनियों और पेट्रोलियम मंत्रालय पर गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करने वाले परिवारों की सुरक्षा की अनदेखी का आरोप लगाया है। डीलर्स ने मंत्रालय से उनकी मांगों पर गौर करने के लिए बैठक करने का आग्रह किया है।
एलपीजी डीलर्स के राष्ट्रव्यापी संगठन फेडरेशन ऑफ एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं करती है तो पांच नवंबर 2016 से उनका सरकारी-विरोधी अभियान शुरू हो जाएगा। पहले काली पट्टी लगाकर विरोध होगा, उसके बाद सिलेंडर की आपूर्ति प्लांट से उठानी बंद होगी, 22 नवंबर को वितरक अपनी दुकान बंद रखेंगे और यदि फिर भी सरकार में उनकी सुनवाई नहीं हुई तो एक दिसंबर 2016 को एलपीजी डीलर्स एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। उसके बाद 15 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी।
फेडरेशन के महासचिव पवन सोनी ने कहा कि
वह एलपीजी ग्राहकों को तंग नहीं करना चाहते हैं, इसलिए लगातार पेट्रोलियम मंत्रालय को पिछले 11 महीने से पत्र भेजकर उनके साथ बैठक की मांग कर रहे हैं। मंत्रालय की तरफ से कोई जवाब नहीं आने के बाद उन्हें यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा है।
- सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं होने की वजह से उज्जवला योजना के तहत एलपीजी के 85 लाख परिवार की सुरक्षा खतरे में है।
- इन परिवारों को एलपीजी चूल्हे के इस्तेमाल के बारे में पूरी तरह जागरूक नहीं किया जा रहा है।
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फेडरेशन के अध्यक्ष पी. वेंकटेश्वर राव ने कहा,
हम सरकार की मदद करना चाहते हैं, सरकार को बेहतर सुझाव देना चाहते हैं ताकि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को बेहतर ढंग से लागू किया जा सके। पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियां ताबड़तोड़ इस योजना को पूरा करने पर जोर दे रही हैं लेकिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रही हैं। डीलर्स को कनेक्शन के लिए सीधे लक्ष्य दिए जा रहे हैं। ओईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल योजना के तहत अधिक से अधिक कनेक्शन देने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
- उज्जवला योजना के तहत जिन गरीब परिवारों को कनेक्शन दिये जा रहे हैं उनमें जरूरी बुनियादी ढांचे की कमी है।
- उन परिवारों को कनेक्शन देते समय सुरक्षा जागरुकता के बारे में बताना भी आवश्यक है।
- पेट्रोलियम विपणन कंपनियां बीमा तो देतीं हैं लेकिन कोई घटना होने पर चिकित्सा बीमा की कोई व्यवस्था नहीं है।
- प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अच्छी योजना है लेकिन इसका क्रियान्वयन सुनियोजित ढंग से नहीं किया जा रहा है।