नई दिल्ली। 1 दिसंबर 2020 (मंगलवार) से आम आदमी की जिंदगी से जुड़े कई तरह के नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इसमें पैसों के ट्रांसफर, रेलवे, बीमा पॉलिसी की किस्त और गैस सिलेंडर की कीमतों से जुड़ीं कई चीजें शामिल हैं, जिसका सीधा असर आपकी जिंदगी पर पड़ने वाला है। मालूम हो कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) को लेकर नियम में बदलाव किया है। साथ ही 1 दिसंबर 2020 से कोरोना संकट को लेकर गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइन भी लागू हो रही है। आप भी जानिए कि 1 दिसंबर 2020 से कौन-कौन से नियम बदल रहे हैं।
रसोई गैस की कीमतों में मिल सकती है राहत
सबसे पहले आपको बता दें कि, हर महीने की पहली तारीख को सरकार रसोई गैस यानी एलपीजी सिलेंडरों के दामों की समीक्षा करती है। यानी 1 दिसंबर 2020 को भी देशभर में रसोई गैस के दाम बदल जाएंगे। कोरोना संकट काल में लोगों को राहत देने के लिए घरेलू रसोई गैस के दाम स्थिर रखे गए हैं। दिसंबर 2020 में भी ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि आगे भी राहत मिलेगी। हालांकि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से रसोई गैस उपभोक्ताओं के मन में भी आशंका उठ रही है। हालांकि, बीते महीने कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी।
24 घंटे मिलेगी आरटीजीएस की सुविधा का फायदा
साल के आखिरी महीने यानी 1 दिसंबर 2020 से पैसों के लेनदेन से जुड़े आरटीजीएस नियम में बदलाव होने जा रहा है। RBI ने RTGS को 24x7x365 उपलब्ध करने का ऐलान किया था। यह फैसला 1 दिसंबर 2020 से लागू होगा। मतलब अब आप RTGS के माध्यम से चौबीसों घंटे पैसों का लेन-देन कर सकेंगे। वर्तमान में RTGS महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर सप्ताह के सभी वर्किंग दिनों में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध रहता है। बता दें, पिछले साल सातों दिन 24 घंटा एनईएफटी की सुविधा प्रदान की गई थी। आरटीजीएस के जरिए 2 लाख रुपए से कम अमाउंट ट्रांसफर नहीं हो सकता है। वहीं मैक्सिमम अमाउंट की लिमिट अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग है। इसे ऑनलाइन और बैंक ब्रांच दोनों माध्यमों से इस्तेमाल किया जा सकता है।
बीमाधारक प्रीमियम की रकम में कर सकेंगे बदलाव
अब 5 साल के बाद बीमाधारक प्रीमियम की रकम को 50 फीसदी तक घटा सकता है, यानि वह आधी किस्त के साथ भी पॉलिसी जारी रख पाएगा। कोरोना संकट काल में पैसों की तंगी से जूझ रहे लोग भी आधी किस्त के साथ पॉलिसी जारी रख पाएंगे। इसी तरह यूलिप प्लान पर बेहतर रिटर्न देने की कोशिश की गई है।
1 दिसंबर 2020 से चलेंगी कई और नई ट्रेनें
भारतीय रेलवे 1 दिसंबर 2020 से कई और नई ट्रेनें चलाने जा रहा है। कोरोना काल में रेलेव द्वारा कई बार नई स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया है। इसी कड़ी में 1 दिसंबर से भी कुछ नई ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाएगा। इन नई ट्रेनों में झेलम एक्सप्रेस और पंजाब मेल दोनों शामिल हैं। बता दें कि दोनों ट्रेनों को सामान्य श्रेणी के तहत ही चलाया जाएगा। 01077/78 पुणे-जम्मूतवी पुणे झेलम स्पेशल और 02137/38 मुंबई फिरोजपुर पंजाब मेल स्पेशल ट्रेन प्रतिदिन चलेंगी।
1 दिसंबर 2020 से जब्त हो जाएंगे आपके वाहन
देशभर में ई-चालान जनता के फायदे कि लिए लागू किया गया था। लेकिन इस कानून का लगातार गलत ही इस्तेमाल हो रहा है। इस सिलसिले में चालान कटने के केस में पहले से और भी ज्यादा इजाफा हुआ है। हालांकि ये अलग बात है कि, इनमें से चालान भरने वालों की संख्या में काफी ज्यादा कमी है। ऐसे में थाणे पुलिस की तरफ ये फैसला किया गया है कि, जिन लोगों के ई-चालान कटे हैं और उन्होंने इसका भुगतान नहीं किया है, उनके वाहन को 1 दिसंबर 2020 से जब्त कर लिया जाएगा। हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन लगभग 25,000 ई-चालान काटे जाते हैं। इसकी वजह से महाराष्ट्र में कुल 700 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का ट्रैफिक ई-चालान जुर्माने के तौर पर अभी भी पेंडिंग में पड़ा हुआ है।
1 दिसंबर से लागू होगी नई गाइडलाइन
देश में कोरोना महामारी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन लागू होगी। सरकार की नई गाइडलाइन 1 दिसंबर 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक लागू रहेगी। नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को जिला प्रशासन द्वारा माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जोन को ध्यान से निर्धारित कराना सुनिश्चित करना होगा। इन कंटेनमेंट जोन में केवल अनिवार्य कामों की इजाजत होगी। गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइंस में भी सिनेमा घरों, थियेटर्स, स्विमिंग पूल्स आदि को लेकर पाबंदियां जारी हैं। सिनेमा हॉल अभी भी 50 फीसदी दर्शक क्षमता के साथ चलेंगे। कोविड-19 की स्थिति के अपने आकलन के आधार पर राज्य, केंद्रशासित प्रदेश केवल निषिद्ध क्षेत्रों में रात्रिकालीन कर्फ्यू जैसी स्थानीय पाबंदियां लगा सकते हैं। साथ ही निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर किसी भी प्रकार का स्थानीय लॉकडाउन लागू करने के पहले राज्यों, केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को केंद्र से अनुमति लेनी होगी।