नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट और 24 हाईकोट के जजों का वेतन बढ़ाने संबंधी बिल को गुरुवार को लोकसभा की मंजूरी मिल गई। इस बिल के पास होने के बाद जजों के वेतन में दोगुना से अधिक वृद्धि हो जाएगी। संसद के दोनों सदनों से यह बिल पास होने और कानून बनने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश को हर माह 2.80 लाख रुपए का वेतन मिलेगा। वर्तमान में उन्हें एक लाख रुपए मासिक वेतन दिया जाता है। इसी प्रकार सुप्रीम कोर्ट के जजों और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को प्रति माह 2.50 लाख रुपए वेतन मिलेगा, जो कि अभी 90,000 रुपए है।
शुक्रवार को शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है। यदि यह बिल राज्य सभा द्वारा पास नहीं किया जाता है तो जजों को अपनी वेतनवृद्धि के लिए बजट सत्र तक इंतजार करना होगा, जो कि 30 जनवरी से शुरू होगा। हाईकोर्ट के जजों को अभी 80,000 रुपए मासिक वेतन मिलता है। बिल पास होने के बाद उन्हें हर माह 2.25 लाख रुपए वेतन मिलेगा।
यह वेतनृद्धि ऑल इंडिया सर्विसेस के अधिकारियों के लिए सातवें वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिश के मुताबिक है। यह वेतनवृद्धि 1 जनवरी 2016 से प्रभावी होगी। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन बिल 2017 में हाउस रेंट अलाउंस को भी 1 जुलाई 2017 से संशोधित करने की बात कही गई है। 2016 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने सरकार को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों का वेतन बढ़ाने की मांग की थी।
31 स्वीकृत पदों के मुकाबले सुप्रीम कोर्ट में अभी 25 जज हैं। हाई कोर्ट में जजों के लिए 1079 पद मंजूर किए गए हैं लेकिन देश के 24 हाई कोर्ट में केवल 682 जज ही काम कर रहे हैं, शेष पद रिक्त पड़े हुए हैं। इस बिल के पास होने से 2500 रिटायर्ड जजों को भी फायदा होगा।