नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि लॉजिस्टिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 2025 तक 500 अरब डॉलर का निवेश होगा क्योंकि भारत विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में आकर्षक ठिकाना बन गया है। सुरेश प्रभु ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, "लॉजिस्टिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश 2025 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। इससे रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे और भारत के आंतरिक व वैश्विक व्यापार की बाधाएं भी दूर होंगी।"
प्रभु ने कहा कि डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसी पहलों को लेकर विदेशी कंपनियां भारत को विनिर्माण और सेवा के क्षेत्र उचित ठिकाने के रूप में देख रही हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी समेत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क के विकास की नीति बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जिसकी घोषणा जल्द होने वाली है।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षो में भारत सरकार ने प्रभावी लॉजिस्टिक्स सेवाओं के जरिए व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सीमा तथा सीमा पार क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों के प्रमाणिक दस्तावेज तैयार करना, समर्पित माल वाहन गलियारे बनाना, बंदरगाहों तथा अन्य आधारभूत संरचनाओं में निवेश और व्यापार की समस्त गतिविधियों को परस्पर जोड़ने के कार्य शामिल हैं। इन गतिविधियों से देश के लॉजिस्टिक्स सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन सुधरेगा। लॉजिस्टिक्स सेवाओं के सक्षम और प्रभावी प्रबंधन से विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र पर सकारात्मक असर दिखेगा।
कार्यक्रम में वाणिज्य विभाग की लॉस्टिक्स शाखा और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान ने व्यापार सुगमता और लॉजिस्टिक्स विशिष्टता केंद्र की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अगले चार वर्षों के दौरान इस केंद्र को विभिन्न चरणों में कुल 339.90 लाख रुपये दिए जाएंगे। सीटीएफएल व्यापार और लॉजिस्टिक्स गतिविधियों की निगरानी करेगा और इस बारे में तैयार रिपोर्ट के आधार पर लॉजिस्टिक्स सेवाओं में सुधार के सुझाव देगा।