नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए विभिन्न राज्यों में लगाए जा रहे लॉकडाउन के कारण व्यापार गतिविधियां कोविड पूर्व स्थिति के मुकाबले करीब एक चौथाई कम हो गई हैं। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने मंगलवार को कहा कि हालांकि, गतिविधियों में कमी का आर्थिक प्रभाव न के बराबर होगा और इस साल के लिए वृद्धि अनुमान को बरकरार रखा है। उसने यह भी कहा कि लॉकडाउन के कारण इसके नीचे जाने का जोखिम जरूर है।
ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार 25 अप्रैल की स्थिति के अनुसार नोमुरा इंडिया बिजनेस रिजम्पशन इंडेक्स (एनआईआरआई) में पूरे साल के मुकाबले सर्वाधिक 8.5 प्रतिशत की सप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई और यह 75.9 रहा। महामारी पूर्व सामान्य दिनों से यह 24 प्रतिशत अंक कम है। नोमुरा ने कहा कि लॉकडाउन से आवाजाही पर उल्लेखनीय असर पड़ा है और इस बात के संकेत है कि इसका प्रभाव बिजली मांग, जीएसटी-ईवे बिल, रेल माल ढुलाई जैसे कारकों के रूप में अर्थव्यवस्था के वृहत भाग पर है। हालांकि, पहली लहर के मुकाबले प्रभाव अभी भी बहुत कम है।
उदाहरण के लिए श्रमिक बल भागीदारी दर अभी भी मजबूत बनी हुई है। लेकिन अगर और राज्य पाबंदियां बढ़ाते हैं तो गति अगले महीने कमजोर बनी रह सकती है। इससे अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर प्रभावित हो सकती है। नोमुरा के अनुसार आर्थिक प्रभाव न के बराबर होने का कारण है। अन्य देशों का अनुभव बताता है कि आवाजाही प्रभावित होने और वृद्धि के बीच संबंध बहुत ज्यादा नहीं है। विनिर्माण, कृषि या घर से काम तथा ऑनलाइन सेवाएं जैसे अर्थव्यवस्था के हिस्से मजबूत बने रहने चाहिए। ब्रोकरेज कंपनी ने इसके आधार पर 2021 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 11.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
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