नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में कड़ाई के साथ लॉकडाउन लगाने से बेशक कोराना वायरस संक्रमण फैलने पर अंकुश लगाया जा सकेगा लेकिन इसका राज्य की अर्थव्यवस्था पर काफी गहरा असर होगा। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस मामलों में तेजी आने के बाद बुधवार से राज्य में 15 दिन के लिये कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। कर्फ्यू में आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया है। यह बुधवार रात आठ बजे से अमल में आ गया है। उद्योग जगत राज्य सरकार पर यह दबाव बना रहा है कि राज्य में लॉकडाउन नहीं लगना चाहिये।
उद्योग मंडल फिक्की ने कहा कि उसकी राज्य सरकार के साथ बातचीत हुई। इस दौरान संगठन ने अपने सदस्यों से मिले सुझावों को राज्य सरकार के साथ साझा किया। फिक्की के महाराष्ट्र के चेयरपर्सन सुलाज्जा फिरोदिया मोटवानी ने कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि इन (प्रतिबंधों) से राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होगी। लेकिन लॉकडाउन का राज्य की अर्थव्यवसथा पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। फिक्की महाराष्ट्र इस मामले में राज्य सरकार के साथ पूरी तरह से मिलकर काम करेगा ताकि आर्थिक प्रभाव को कम से कम किया जा सके और क्रियान्वयन संबंधी मुद्दों को सुलझाया जा सके।’’
उद्योग संगठन एसोचैम ने भी कहा कि वह राज्य में लगाये गये 15 दिन के कफ्र्यू के आर्थिक असर को कम से कम करने के लिये राज्य सरकार के साथ मिलकार काम कर रहा है। उसने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वह उद्योगों में खासतौर से अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों से जो कि ऐसे समय में सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं उन्हें सबसे बेहतर संभावित राहत पहुंचाने के लिये उनकी सुध जरूर ले।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के पश्चिमी क्षेत्र के चेयरमैन बी त्यागराजन ने कहा कि अपने कार्यस्थालों को सुरक्षित कार्यक्षेत्र बनाने के लिये परिचालन की मानक प्रक्रिया को अपना रही है। इसके साथ ही उद्योग जगत महामारी के प्रसार को रोकने पर भी ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा कि सीआईआई का शुरू से ही यही मानना रहा है कि उद्योगों का परिचालन जारी रहना चाहिये। हालांकि, कामकाज के दौरान कार्यस्थलों पर संक्रमण थामने के वास्ते मानक प्रक्रिया का पालन होना चाहिये। सीआईआईसमय समय पर सरकारों से यही कहता रहा है कि लॉकडाउन नहीं लगना चाहिये।