नई दिल्ली। चीनी उद्योग संगठन इस्मा (ISMA) ने शुक्रवार को कहा कि कुछ राज्यों में नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाए जाने की वजह से चीनी आपूती श्रृंखला में न्यूनतम बाधा आने की संभावना है क्योंकि इस बार प्रतिबंध अधिक संगठित हैं और मानक परिचालन प्रक्रियाओं को पहले से तय किया गया है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने कहा कि चालू विपणन वर्ष 2020-21 में 15 अप्रैल तक देश में 2.909 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। एक साल पहले समान अवधि में 2.482 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
इस्मा ने बताया कि चालू चीनी वर्ष में मार्च तक 29.7 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है, जबकि चालू वर्ष के लिए तय अनिवार्य कोटा 60 लाख टन तय किया गया है। इस्मा ने अनुमान जताया है कि 2020-21 में चीनी का उत्पादन 3.02 करोड़ टन रह सकता है। पिछले साल देश में 2.742 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
नवीनतम आंकड़ों को जारी करते हुए इस्मा ने कहा कि चीनी मिलें इस सीजन में मार्च तक तय कोटा 1.25 करोड़ टन के तहत घरेलू बाजार में 1.29 करोड़ टन चीनी की बिक्री कर चुकी हैं। पिछले साल राष्ट्रीय लॉकडाउन और रेस्टॉरेंट्स, मॉल्स, मूवी हॉल्स आदि के निरंतर बंद रहने से चीनी की बिक्री प्रभावित हुई थी।
इस्मा ने कहा कि हालांकि इस साल प्रतिबंध अधिक संगठित और मानक परिचालन प्रक्रिया पहले से तय होने की वजह से नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन की वजह से चीनी आपूर्ति श्रृंखला पर न्यूनतम असर पड़ने की आशंका है। देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल तक 1.008 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया गया है, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यहां 1.082 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन बढ़कर 1.039 करोड़ टन हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 60.7 लाख टन था।
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