नई दिल्ली। लॉकडाउन की अवधि लंबी खिंचने तथा कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से वृद्धि दर बुरी तरह प्रभावित होगी। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट (डीएंडबी) की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं की वजह से खाद्य वस्तुओं के दाम ऊपरी स्तर पर बने रहेंगे। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के अर्थव्यवस्था के बारे में जारी अनुमान में कहा गया है कि मांग में सुस्ती, प्रवासी मजदूरों के पलायन की वजह से कंपनियों विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए चुनौतियां बढ़ी हैं।
डन एंड ब्रैडस्ट्रीट इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा, ‘‘हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि लॉकडाउन लंबा खिंचने तथा संक्रमण के मामले बढ़ने से आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति सामान्य नहीं हो पा रही है।’’ कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से लगाया गया था। मई से प्रतिबंधों में ढील दी गई है। सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ने का भी वृद्धि पर असर पड़ेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से आपूर्ति श्रृंखला अभी बाधित रहेगी। इससे महंगाई दर पर दबाव बढ़ेगा। रिपोर्ट कहती है कि सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों बढ़ोतरी के साथ वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति पर ईंधन के निचली कीमतों का प्रभाव समाप्त हो रहा है। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट का अनुमान है कि जून में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 3 से लेकर शून्य से 3.1 प्रतिशत नीचे रहेगी।