नई दिल्ली: कोका-कोला कंपनी के घरेलू ब्रांड लिम्का ने आज भारत में अपने 50वें वर्ष का जश्न मनाते हुए, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (एलबीआर) का स्पेशल एडिशन लॉन्च किया है। यह भारत की पसंदीदा बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के 30 वर्ष पूरे होने की उपलब्धि दर्शाता है। इस साल के एडिशन में कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर डटे फ्रंटलाइन वॉरियर्स के कभी हार न मानने वाले जज्बे को सलाम किया गया है। कोरोना वॉरियर्स ने महामारी के खिलाफ अपार साहस का समर्थन करते हुए लड़ाई में अग्रिम मोर्चा संभाला है। इस किताब में कोरोना वॉरियर्स के निस्वार्थ भाव से किए गए मानवता और दयालुता के कार्यों पर विशेष प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही इस संस्करण में हमेशा की तरह असाधारण उपलब्धियां हासिल करने वाले वाले प्रतिभाशाली लोगों को पहचान दी गई है।
इस वर्ष का लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दो चुनौतीपूर्ण वर्षों का मिश्रित संस्करण है। इसमें मानव प्रयास, संरचना, शिक्षा, रक्षा, सरकार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एडवेंचर, बिजनेस, सिनेमा और कुदरती दुनिया, साहित्य और कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले लोगों की सफलता का जश्न मनाया गया है। इस किताब में 4 हजार से ज्यादा रिकार्ड है। इसी के साथ लेटेस्ट एडिशन को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए अलग-अलग डिस्प्ले पेज, रीडर-फ्रेंडली इन्फोग्राफिक्स और चार्ट्स का प्रयोग किया गया है। 2020–22 संस्करण में आकर्षक नए रिकॉर्डों के साथ, पिछले रिकॉर्ड के रिकॉर्ड रिवाइंड कैप्सूल दिए गए हैं। सुपर 30 में तीन दशकों में महत्वपूर्ण रिकॉर्ड और उपलब्धियों को शामिल किया गया है।
एलबीआर का यह संस्करण भारत में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के 30 प्रेरक वर्षों का प्रतीक है। इसी के साथ ही यह यह संस्करण 1971 में लिम्का की लॉन्चिंग के बाद से 50 साल की लिम्का की गौरवशाली यात्रा का जश्न भी मनाता है। लिम्का का भारत के साथ काफी गहराई से जुड़ाव रहा है। लिम्का को भारत में प्यास बुझाने की बेमिसाल क्षमता और लोगों को ताजगी का शानदार अनुभव देने के लिए काफी सराहा जाता है। लिम्का का ब्रैंड के रूप में उभरना और उसकी नई स्थिति जिंदगी में उल्लेखनीय कार्य करने वाले, मुश्किलों की चिंता किए बिना आगे बढ़ने के जज्बा रखने वाले व्यक्तियों की सराहना की है। इस संस्करण में स्पेशल कोविड-19 फीचर भी है, जिसमें उल्लेखनीय उपलब्धियों, समाज की भलाई के साहसिक कार्य़ करने वाले व्यक्तियों और नए-नए आइडियाज की भरमार है, जिससे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सभी बाधाओं का मुकाबला करते हुए दृढ़ और लचीले रहने और विजय प्राप्त करने का प्रयास करते रहने के जज्बे की झलक मिलती है।
एलबीआर, में एमेरिट्स के संपादक विजया घोष ने कहा, “एलबीआर का इस साल का संस्करण काफी महत्वपूर्ण है । लिम्का को भारत में 50 साल हो गए हैं और बुक को भारत में लॉन्च किए 30 साल हो गए हैं। शुरुआत से ही एलबीआर को अलग-अलग क्षेत्रों में व्यापक पहचान मिली और लोगों में उम्मीद की एक किरण जागी। एलबीआर का पहला संस्करण मुंबई में 1990 में रिलीज किया गया था। इस इवेंट में गणमान्य लोग मौजूद थे। यह संस्करण पूरा बिक गया था। यह हमारे प्रतिष्ठ रिकॉर्ड्स और रिकार्ड बनाने वाले लोगों के प्रति सम्मान है।”
हैशेट इंडिया के प्रबंध निदेशक (और पूर्व प्रोजेक्ट एडिटर एलबीआर 1988-94) थॉमस अब्राहम ने लॉन्चिंग के बारे में कहा, “पिछले साल तमाम चुनौतियों, बाधाओं और रुकावटों के बावजूद लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स ने वापसी की है और अपनी उपलब्धियों का जश्न मना रहा है। मुझे खासतौर से इस बात की खुशी है कि मैं इस किताब की शुरुआत से ही इससे जुड़ा हुआ है। एक बार फिर मैं इस सफर का हिस्सा बना हूं। आज लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के 30 संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। भारत इस समय शानदार गति से प्रगति कर रहा है।”
कोका-कोला भारत और दक्षिण पश्चिम एशिया विभाग के वाइस प्रेसिडेंट और हेड मार्केटिंग अर्नब राय ने कहा, “पिछले डेढ़ साल में हमारे सामने प्रेरणा देने की ऐसी कई कहानियां सामने आई हैं, जिससे हमारा भरोसा इंसानियत में फिर जागा है। हालांकि यह मानव इतिहास के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर में से एक है। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स को भारत के उल्लेखनीय पहलुओं और सफलताओं के इतिहास के रूप में देखा जाता है। अपने जीवन में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले रिकॉर्ड धारको को लिम्का बुक में जगह देना हमारे लिए विशेषाधिकार है। लिम्का अपने जीवन में विशेष कार्य करने वालों का सम्मान देता है और उनकी भूमिका को उभारकर समाज में हर व्यक्ति को हर स्थिति में ऊर्जावान तथा सक्रिय रहने और शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने का संदेश देता है। ब्रैंड लगातार रिकार्ड बनाने वाले लोगों की तलाश कर उन्हें उभारता रहेगा और नई राह और सार्थक साझेदारी की तलाश करता रहेगा”
पुस्तक के इस संस्करण की कुछ झलक वंदे भारत मिशन है, जो दुनिया में भारतीय मूल के लोगों के स्वदेश प्रेम और राष्ट्रीयता का सबसे बड़ा प्रतीक बन गया है। निखिल कुरेले के स्टार्टअप नोकार्क रोबोटिक्स और हर्षित राठौर की ओर से विकसित कम लागत के पोर्टेबल वेंटिलेटर को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकार्ड्स में पहचान मिली है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ साझेदारी में भारत बायोटेक की को-वैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारानिर्मित कोविशील्ड को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस में जगह मिली है। दोनों ही वैक्सीन को सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है। उपलब्धियों की फेहरिस्त में इन दोनों वैक्सीन को भी शामिल किया गया है।
यह संस्करण भारत के ग्रीन वारियर्स की उपलब्धियों का भी जश्न मनाता है। संस्करण के नए एनवॉयरमेंट एंड सस्टेनबिलिटी सेक्शन में उन पर्यावरणविदों की उपलब्धियों को दर्शाया गया है, जिन्होंने केवल अपने हित को न देखकर समाज के हित को देखा। उन्होंने पर्यावरण और इस ग्रह पर फोकस किया। स्थिरता के लिए अभियान चलाए। कूड़ा-करकट के निपटारे पर फोकस किया। प्रॉडक्ट की रिसाइक्लिंग के अलावा स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने वाले दूसरे अभियानों को भी बढ़ावा दिया। “एनवॉयरमेंट एंड सस्टेनबिलिटी” और “कॉम्बैटिंग कोविड-19” सेक्शन के अलावा इस बुक में “100 ईयर्स ऑफ द इंडिया एट औलंपिक्स” “थ्रिलिंग थर्टीज” और “अवर स्टेट्स एंड यूनियन टेरिटरीज” शामिल है। यह किताब 550 रुपये में भारतीय उपमहाद्वीप में खासतौर पर उपलब्ध है।