हैदराबाद। भारत में कारोबार आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से की जा रही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसी कोशिशों पर देश की प्रमुख दवा निर्माता कंपनी ने सवाल उठाए हैं। बायोकॉन की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने कहा है कि भारत ने लाइसेंस राज को समाप्त कर संभवत: प्रतिस्पर्धी बाजार बनाया गया है। लेकिन फिर भी यहां बिजनेस करना आसान नहीं है। क्योंकि लाइसेंस राज की जगह मंजूरी राज ने ले ली है। जिसमें उतना ही समय लगता है और इसमें भ्रष्टाचार की संभावना रहती है।
भारत में 25 साल के आर्थिक सुधारों पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में कारोबार जगत को लाइसेंस राज के मुद्दे से निपटना होता था, जो एक जटिल प्रक्रिया थी और इसमें काफी समय लगता था।
शॉ ने कहा, लाइसेंस राज की जगह मंजूरी राज ने ली है। आज मंजूरी राज है। इसमें भी उतना ही समय लगता है। दोनों ही यानी लाइसेंस राज और मंजूरी राज में भ्रष्टाचार और तेजी से धन कमाने की संभावना है। ऐसे में इससे निकलने का एकमात्र विकल्प स्व: नियमन और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मान्य मंजूरियां हैं। इसमें मानव दखल कम होगा और ऐसे में भ्रष्टाचार भी घटेगा। शॉ ने कहा कि भारतीय कंपनियों को अत्यधिक नियमन पूरे करने होते हैं। इसका पता कारोबार सुगमता की भारत की निचली रैंकिंग से चलता है।
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