Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. लाइसेंस राज की जगह आया है समय खपाने वाला मंजूरी राज: बायोकॉन सीएमडी

लाइसेंस राज की जगह आया है समय खपाने वाला मंजूरी राज: बायोकॉन सीएमडी

भारत में कारोबार आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से की जा रही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसी कोशिशों पर देश की प्रमुख दवा निर्माता कंपनी ने सवाल उठाए हैं।

Abhishek Shrivastava
Updated : August 01, 2016 19:02 IST
किरण मजूमदार शॉ ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर उठाए सवाल, कहा कारोबार पर हावी है मंजूरी राज
किरण मजूमदार शॉ ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर उठाए सवाल, कहा कारोबार पर हावी है मंजूरी राज

हैदराबाद। भारत में कारोबार आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से की जा रही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसी कोशिशों पर देश की प्रमुख दवा निर्माता कंपनी ने सवाल उठाए हैं। बायोकॉन की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने कहा है कि भारत ने लाइसेंस राज को समाप्त कर संभवत: प्रतिस्पर्धी बाजार बनाया गया है। लेकिन फिर भी यहां बिजनेस करना आसान नहीं है। क्‍योंकि लाइसेंस राज की जगह मंजूरी राज ने ले ली है। जिसमें उतना ही समय लगता है और इसमें भ्रष्टाचार की संभावना रहती है।

भारत में 25 साल के आर्थिक सुधारों पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में कारोबार जगत को लाइसेंस राज के मुद्दे से निपटना होता था, जो एक जटिल प्रक्रिया थी और इसमें काफी समय लगता था।

शॉ ने कहा, लाइसेंस राज की जगह मंजूरी राज ने ली है। आज मंजूरी राज है। इसमें भी उतना ही समय लगता है। दोनों ही यानी लाइसेंस राज और मंजूरी राज में भ्रष्टाचार और तेजी से धन कमाने की संभावना है। ऐसे में इससे निकलने का एकमात्र विकल्प स्व: नियमन और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मान्य मंजूरियां हैं। इसमें मानव दखल कम होगा और ऐसे में भ्रष्टाचार भी घटेगा। शॉ ने कहा कि भारतीय कंपनियों को अत्यधिक नियमन पूरे करने होते हैं। इसका पता कारोबार सुगमता की भारत की निचली रैंकिंग से चलता है।

यह भी पढ़ें- मरीजों के लिए नुकसानदेह होगा दवाओं पर टैक्स छूट वापस लेना, इंडस्ट्री ने सरकार के कदम को बताया गलत

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement