नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और आईडीबीआई बैंक के बीच डील फाइनल हो गई है। एक अंग्रजी वेबसाइट में छपी खबर के अनुसार भारी एनपीए के बोझ तले दबे आईडीबीआई बैंक में एलआईसी 13000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। खबर के मुताबिक एलआईसी को इस डील पर आज बीमा विनियामक आईआरडीए की भी मंजूरी मिल सकती है। एलआईसी के अधिग्रहण के बाद बैंक में सरकार की हिस्सेदारी घटकर 51 फीसदी से कम रह जाएगी।
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार आईआरडीए मंजरी देने के साथ ही एलआईसी को 15 फीसदी की निवेश सीमा के मामले में भी छूट दे सकता है। फिलहाल आईडीबीआई में सरकार की 80.96 फीसदी हिस्सेदारी है। इस सौदे में आईडीबीआई की रियल एस्टेट और गैर बैंकिंग शाखाएं भी शामिल होंगी, जिनका कुल मूल्य 14000 करोड़ रुपए है। फिलहाल इस बैंक में एलआईसी की 10.82 फीसदी हिस्सेदारी है।
आईडीबीआई बैंक ने 31 मार्च को अंत हुई तिमाही में 5662 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया था। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी का घाटा 3199 करोड़ रुपए था। इस दौरान तिमाही आधार पर कंपनी का एनपीए 16.02 फीसदी से बढ़कर 16.49 फीसदी हो गया था। 2017 की चौथी तिमाही में यह 13.21 फीसदी था। वार्षिक आधार पर बैंक का एनपीए 44752 करोड़ रुपए से बढ़कर 55588 करोड़ रुपए हो गया था।