वित्त मंत्री ने कहा कि कमजोर वैश्विक वातावरण के बावजूद भारत सात प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज करता रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के ऊंचे मूल्य के नोट बंद करने के कदम से निजी उपभोग पर पड़ा नकारात्मक प्रभाव अस्थाई होगा। उन्होंने कहा, हम दुनिया में संरक्षणवाद को लेकर कुछ आवाजें सुन रहे हैं। लेकिन अंत में कंपनियों, उपभोक्ताओं को यह तय करना है कि उन्हें ऐसे उत्पाद और सेवाएं चाहिए जो लागत की दृष्टि से प्रतिस्पर्धी हैं।