नई दिल्ली। बैंकों ने रिलायंस कम्युनिकेशन के लिए 23,000 करोड़ रुपए की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। इसमें से 5,500 करोड़ रुपए चीन के बैंकों को मिलेगा। इससे उनको अपना करीब 55 प्रतिशत मूल धन वापस मिल जाएगा। इसमें चीन के वे बैंक भी शामिल हैं, जिनको कंपनी के प्रवर्तक अनिल अंबानी ने कथित तौर पर व्यक्तिगत गारंटी दी है। ऋणदाताओं की समिति के एक सूत्र ने कहा कि आरकॉम की कर्जदाताओं की समिति ने रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस टेलीकॉम (आरटीएल) और रिलायंस इंफ्राटेल (आरईटीएल) पर बकाया कर्जों के निपटान की योजना को चार मार्च को सर्वसम्मति से स्वीकृति दी।
सभी 38 बैंकों ने तय समाधान योजना के पक्ष में मत दिया। सूत्रों के अनुसार इस समाधान योजना के तहत रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड की टॉवर और फाइबर संपत्तियां 4,700 करोड़ रुपए में रिलायंस जियो को सौंपी जाएंगी। इसी तरह आरकॉम और रिलायंस टेलीकॉम (स्पेक्ट्रम) की संपत्तियों को यूवी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (यूवीएआरसी) 14,000 करोड़ रुपए में अधिग्रहीत करेगी। अनुबंध के तहत पहले चुकाई जा चुकी धन/संपत्ति को गैर कानूनी गतिविधि के सामने आने पर वापस लेने के तथा कथित क्लॉबैक अनुबंध पर गौर करने के इस समाधान योजना के तहत कर्जदाताओं की 23,000 करोड़ रुपए की राशि निकलेगी।
इसमें एक बड़ा हिस्सा चीनी बैंकों के बकाये के भुगतान में किया जाएगा। चीनी बैंक सबसे बड़े कर्जदाता हैं। उन्हें 5,500 करोड़ रुपए मिलेगा और उनका मूल कर्ज घटकर 4,500 करोड़ रुपए पर आ जाएगा। अनिल अंबानी की कथित व्यक्तिगत गारंटी के मामले में चीनी बैंकों को 1,800 करोड़ रुपए (25 करेाड़ डॉलर) मिलेंगे और उनका कर्ज 55 प्रतिशत घटकर 30 करोड़ डॉलर (2,200 करोड़ रुपए) रह जाएगा।
चीनी बैंकों इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड, चाइना डेवलपमेंट बैंक तथा निर्यात-आयात बैंक ऑफ चाइना ने बकाये की वसूली को लेकर अंबानी को ब्रिटेन की अदालत में घसीटा है। सूत्रों ने कहा कि इस मामले में बैंकों की ओर से दिया गया कुल गारंटीशुदा मूल कर्ज करीब 33,000 करोड़ रुपए है। योजना के तहत आरकॉम के 38 कर्जदाताओं के कुल 33,000 करोड़ रुपए के मूल बकाये में से 70 प्रतिशत से अधिक की वसूली हो जाएगी।
सूत्रों के अनुसार कर्जदाताओं की समिति ने आरकॉम और उसकी अनुषंगी आरटीएल और आरटीआईएल की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी शत प्रतिशत सहमित के साथ दी गई है। कर्जदाताओं ने अगस्त में इन कंपनियों पर कुल बकाये के रूप में करीब 49,000 करोड़ रुपए का दावा किया था। कर्जदाताओं की समिति की 13 जनवरी 2019 को हुई बैठक में रिलायंस जियो और यूवी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड आरकॉम की संपत्ति के लिए सर्वाधिक बोली लगाने वाली कंपनियां रहीं।